देवरिया कांड: 181 महिला हेल्पलाइन से बालिका ने साधा सम्पर्क तब खुला 'पाप'

Update: 2018-08-06 10:41 GMT

लखनऊ: देवरिया के बालिका संरक्षण गृह की शिकायत पहले भी हुई। पर अफसर संस्था के जिम्मेदारों पर हाथ डालने से कतराते थे। पर जब पांच अगस्त को संरक्षण गृह से बचकर निकली 13 वर्षीय बालिका महिला हेल्पलाइन 181 के सम्पर्क में आयी तब संस्था के संचालकों के 'पाप' का खुलासा हुआ।

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थानाध्यक्ष कोतवाली को दी गई तहरीर के मुताबिक बालिका ने अपने और संस्था के संचालकों के बारे में जानकारी दी। उसने बताया कि वहां सभी लड़कियां असुरक्षित हैं। कई लड़कियों के साथ अक्सर यौन उत्पीड़न होता रहता है। बड़ी लड़कियों को गिरिजा त्रिपाठी और अन्य लोगों द्वारा गालियां दी जाती हैं। अंदर की बात बाहर किसी से कहने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है।

प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने तहरीर में कहा है कि मां विन्ध्यवासिनी महिला एवं प्रशिक्षण समाज सेवा संस्थान की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी उनके पति, पुत्री के अलावा रिश्तेदार उनसे जुड़कर काम करते हैं। सभी लोगों द्वारा अवैध रूप से बच्चियों, शिशुओं को रखे हैं और संस्था का मान्यता स्थगित किए जाने के बावजूद इसे संचालित कर रहे हैं। शासन के पत्रों के बावजूद बच्चों को उपयुक्त संस्थानों में स्थानान्तरित नहीं कराया गया। यह शासन के पत्रों और अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना है। तहरीर में बच्चों के अधिकारों का हनन कर उन्हें गोद दिए जाने, डीएम के पत्रों की उपेक्षा और बाल श्रम समेत मानवाधिकार हनन के आरोप लगाए हैं।

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इन धाराओं में दर्ज किया गया मुकदमा

जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार की शिकायत पर देवरिया कोतवाली में भा.द.सं. 1860 की धारा 188, 189, 353, 343, 370, 354 (क), 504, 506, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 7 और 8, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 80 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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