विकास की गिरफ्तारी दिखावा: टोल-नाके को पार कर कैसे पहुंचा उज्जैन, उठाएं ये सवाल
मृतक राहुल की बहन ने उत्तर प्रदेश की पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कानपुर से बचकर पहले तो वह फरीदाबाद पहुंच गया और उसके बाद कई जनपदों को क्रास करता हुआ मध्य प्रदेश उज्जैन पहुंच गया।
औरैया। विकास दुबे को उज्जैन में पड़कने पर औरैया के शहीद सिपाही राहुल के परिजन संतुष्ट नही दिखाई दिए। राहुल की बहिन नंदनी ने सवाल उठाया है कि इतनी चेकिंग के बावजूद भी विकास दुबे वहां तक पहुँचा। कल तक तो कहा जा रहा था कि वह फरीदाबाद में दिखाई दिया है जब बॉर्डर सील है तो उज्जैन कैसे पहुचा। कही पुलिस तो उसकी मदद नही कर रही।
जनपद औरैया के रुरुकला निवासी राहुल की गत 2 जुलाई को कानपुर में हुई मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई थी। जिस पर परिजनों ने गोली कांड के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी किए जाने व उसे तत्काल गोली मार दिए जाने की बात कही थी। इसके बावजूद गुरुवार को कानपुर गोली कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे उज्जैन मध्य प्रदेश में गिरफ्तार हो गया। इस पर परिजनों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कड़ी निंदा की।
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बहन ने उत्तर प्रदेश की पुलिस पर लगाया आरोप
मृतक राहुल की बहन ने उत्तर प्रदेश की पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कानपुर से बचकर पहले तो वह फरीदाबाद पहुंच गया और उसके बाद कई जनपदों को क्रास करता हुआ मध्य प्रदेश उज्जैन पहुंच गया। इसमें किसकी चूक कहीं जाए। जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा लगातार पुलिस पर कड़ी निगरानी रखे जाने के निर्देश जारी किए गए थे इसके बावजूद इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे उज्जैन तक कैसे पहुंच गया।
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विकास दुबे के संबंध कई पुलिस अधिकारियों से थे
उन्होंने कहा कि विकास दुबे के संबंध कई पुलिस अधिकारियों से थे। कहा कि वर्दी में छिपा भेड़िया विनय तिवारी जिसने अपने सहयोगियों के साथ गद्दारी की और विकास की अंत तक मदद हो रही है उससे मैं संतुष्ट नही हूँ। नंदिनी का कहना था कि विकास को ऑन स्पॉट सूट किया जाए और पुलिस विभाग के गद्दारो को सज़ा मिले। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
कैसें पहुंचा उज्जैन ?
जबकि मृतक राहुल के पिता ओमकुमार ने कहा कि वह वहां तक पहुंचा। कैसे उसने उज्जैन में अपने नाम से पर्ची कटवाई है। यदि उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों की पुलिस इतनी सक्रिय होती तो वह इतनी लंबी यात्रा कैसे कर रहा था यह भी एक बड़ा सवाल उन्होंने उठाया। कहा कि कानपुर से फरीदाबाद के बीच कई जिले पड़ते हैं और इनमें कई टोल टेक्स भी आते हैं। इन सबसे बचता हुआ वह पहले फरीदाबाद पहुंच गया और पुलिस के आने की भनक लगते ही वह वहां से निकलकर किस प्रकार दूसरे प्रांत मध्य प्रदेश के उज्जैन तक पहुंच गया। यह भी एक विचारणीय तथ्य है।
रिपोर्टर- प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया
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