बनारस में बाबा भोले के साथ भक्तों ने खेली होली, जमकर उड़े गुलाल

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पर होली का सुरुर चढ़ने लगा है। रंगभरी एकादशी पर बाबा के दरबार में भक्तों ने जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए। इसके साथ ही होली का त्यौहार शुरू हो गया। डमरू की थाप और शहनाई की धुन के बीच बाबा भोलेनाथ की सवारी निकली जिसमें सभी होली की मस्ती में सराबोर रहे। हरे, लाल अबीर का रंग सबको फागुनी बयार की मस्ती में डुबोए हुए था। काशी के विश्वनाथ मंदिर की गली में इस दिन जो भी गया वह इस रंग में सराबोर हो गया।

Update:2018-02-27 11:47 IST

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पर होली का सुरुर चढ़ने लगा है। रंगभरी एकादशी पर बाबा के दरबार में भक्तों ने जमकर अबीर-गुलाल उड़ाए। इसके साथ ही होली का त्यौहार शुरू हो गया।

डमरू की थाप और शहनाई की धुन के बीच बाबा भोलेनाथ की सवारी निकली जिसमें सभी होली की मस्ती में सराबोर रहे। हरे, लाल अबीर का रंग सबको फागुनी बयार की मस्ती में डुबोए हुए था। काशी के विश्वनाथ मंदिर की गली में इस दिन जो भी गया वह इस रंग में सराबोर हो गया।

बनारस में एकादशी से शुरू होती है होली

महंत आवास से लेकर श्री काशीविश्वनाथ के गर्भगृह तक आकाश से लेकर जमीन तक अबीर-गुलाल से पट गया। डमरू और शंख ध्वनि के साथ रेड जोन परिसर गूंजता रहा। बाबा के साथ काशीवासियों ने जमकर होली खेली। इस दौरान कई प्रदेशों के श्रद्धालु और विदेशी सैलानियों ने भी बाबा के गौने में हिस्सा लिया। रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ गौरा का गौना कराकर जब महंत आवास से लौटे तो भक्तों ने मंदिर परिसर में भी बाबा से अबीर और गुलाल से होली खेली। हालत यह थी कि रेड जोन पूरी तरह से गुलाबी रंगों में नजर आया। बाबा के पूजन का क्रम ब्रह्म मूहूर्त में महंत आवास पर आरंभ हो गया। वैदिक ब्राह्मणों ने बाबा एवं मां पार्वती की चल प्रतिमाओं का पंचगव्य तथा पंचामृत से स्नान के बाद बाबा को फलाहार का भोग लगाकार महाआरती की।

ये है मान्यता ?

हर तरफ हर-हर महादेव के नारे के साथ होली की ही मस्ती नजर आ रही थी। ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि आज यह लोग अपने भोले नाथ और माता पार्वती के साथ होली जो खेल रहे थे। इस होली के पीछे मान्यता यह है कि शिवरात्रि के दिन विवाह के बाद बाबा इस दिन मां पार्वती का गौना कराकर वापस लौटे। लिहाजा देवलोक के सारे देवी-देवता भी इस दिन स्वर्गलोक से बाबा के ऊपर गुलाल फेंकते हैं। इस दिन काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास भक्त जमकर बाबा के साथ होली खेलते हैं।

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