डीएम ने की गरीबों की मदद की अपील, तो शहर में लग गई मददगारों की लाइन

कोरोना के कहर से पूरी दुनिया बेहाल है। हालत ऐसे कि जब सुपरपावर अमेरिका, इटली, स्पेन और फ्रांस सरीखे देशों ने इस बीमारी के आगे घुटने टेक दिए हो तो फिर गरीब देशों की क्या बिसात होगी आप बखूबी समझ सकते हैं?

Update: 2020-03-26 14:20 GMT

वाराणसी: कोरोना के कहर से पूरी दुनिया बेहाल है। हालत ऐसे कि जब सुपरपावर अमेरिका, इटली, स्पेन और फ्रांस सरीखे देशों ने इस बीमारी के आगे घुटने टेक दिए हो तो फिर गरीब देशों की क्या बिसात होगी आप बखूबी समझ सकते हैं? भारत भी इस महामारी से जूझ रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन का फैसला लिया। यकीनन लॉकडाउन के सिवाय इस बीमारी से बचने के कोई दूसरा रास्ता नहीं है, लेकिन अब इसके साइडइफ़ेक्ट दिखने लगे हैं। लॉकडाउन के चलते गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों के सामने दो जून की रोटी का जुगाड़ करना पहाड़ सरीखा हो गया है।

ऐसे में पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ऐसे लोगों की मदद के लिए डीएम कौशल राज ने सोशल मीडिया पर अपील की तो मददगारों की लाइन लग गई। डीएम की इस मुहिम का हिस्सा बनने के लिए शहर में होड़ लगी हुई है। लोग अपने घरों में भोजन का पैकेट तैयार कर जिला प्रशासन के निर्देशों का इनतज़ार कर रहे हैं।

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डीएम की एक अपील और मदद के लिए बढ़े हजारों हाथ

लॉकडाउन से होने वाली दुश्वारियों को दूर करने जे लिए डीएम कौशल राज लगातार प्रयास कर रहे हैं। सबसे मुश्किल बनारस में फंसे हजारों दिहाड़ी मजदूर हैं। इसके अलावा धर्मिक नगरी होने के कारण शहर में बड़ी संख्या में साधु संत भी हैं, जो भिक्षा मांगकर अपना गुजर बसर करते हैं। डीएम कौशल राज ने ऐसे लोगों की मदद के लिए सोशल मीडिया पर अपील की। 24 घंटे के अंदर ही उनकी इस अपील पर सैकड़ों लोग आगे आये हैं। लोग बढ़ चढ़कर गरीबों की मदद के लिए तैयार हैं। अपर जिलाधिकारी संजय राय के अनुसार शहर में कोई भूखा ना रहे, इसके लिए पुख्ता तैयारी की जा रही है। इसके लिए समाजसेवा से जुड़े लोगों की मदद मांगी गई है। इसका व्यापक असर भी हुआ है।

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फ़ूड हेल्थ ग्रुप में जुड़ने की होड़

गरीबों को भोजन की मुक्कमल व्यवस्था हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने एक खाका तैयार किया। इसके तहत जिले के प्रत्येक पुलिस थाने के हिसाब से एक टीम तैयार की गई है। इसमें एसीएम, थानाध्यक्ष और लेखपाल शामिल हैं। टीम ये सुनिश्चित करती है कि उसके इलाके में कितने लोग ऐसे हैं, जिन्हें भोजन की जरूरत है। पूरी रिपोर्ट एडीएम तक पहुंचाई जाती है।

जिला प्रशासन ने फ़ूड हेल्थ नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया है। इसमें उन लोगों को जोड़ा जा रहा है, जो गरीबों की मदद करना चाहते हैं। आलम ये है कि इस ग्रुप में जुड़ने के लिए लोगों में होड़ लगी है। मुश्किल की इस घड़ी में हर कोई अपने स्तर से गरीबों के लिए खाने का प्रबंध करना चाहता है। फिलहाल 24 घंटे के अंदर ही सैकड़ों ऐसे लोग सामने आये हैं, जो गरीबों की मदद करना चाहते हैं।

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लोगों को अपनी बारी का इनतज़ार

गरीबों के लिए भोजन का प्रबंध करने वाले लोगों को अब अपनी बारी का इनतज़ार है। लोग अपने घरों में भोजन का पैकेट तैयार कर जिला प्रशासन के निर्देश का इंतज़ार कर रहे हैं। हर कोई यही चाहता है कि इस मुश्किल की घड़ी में उसे भी सहायता करने का मौका मिले। जर्नलिस्ट कैफे की टीम ने जब शहर का दौरा किया तो कुछ ऐसे ही लोग सामने आए। गरीबों के लिए जिन लोगों ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं, जिसमें प्रसिद्ध व्यापारी किशन जालान, अरविंद सिंह, संजीव शाह, संजय केसरी सरीखे कई लोग शामिल हैं।

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