खनन पट्टा निरस्त कर ब्लैकलिस्ट करने का डीएम का आदेश रद्द

फरवरी 18 में बारा तहसील के प्रतापपुर गांव में 8 एकड़ यमुना किनारे बालू खनन का 5 साल का पट्टा दिया गया। 1लाख 60 हजार क्यूबिक मीटर बालू साल भर में खोदा जाना था ।याची ने निर्धारित धनराशि जमा कर दी। कुम्भ मेले के कारण वह निर्धारित बालू खनन नही कर पाया और खनन विभाग को प्रत्यावेदन दिया।

Update:2023-04-28 21:53 IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बालू खनन पट्टा निरस्त कर रॉयल्टी वसूली एवं दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट करने के जिलाधिकारी प्रयागराज के 21 जून 19 के आदेश को रद्द कर दिया है । कोर्ट ने कहा है कि ऐसा करते समय क़ानूनी प्राक्रिया का पालन नही किया गया । कोर्ट ने सरकार को नियमानुसार विहित प्राक्रिया के तहत कार्यवाही की छूट दी है ।

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यह आदेश न्यायमूर्ति बी के नारायण तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खण्डपीठ ने सुनील रजक की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

1लाख 60 हजार क्यूबिक मीटर बालू साल भर में खोदा जाना था

याची को फरवरी 18 में बारा तहसील के प्रतापपुर गांव में 8 एकड़ यमुना किनारे बालू खनन का 5 साल का पट्टा दिया गया। 1लाख 60 हजार क्यूबिक मीटर बालू साल भर में खोदा जाना था । याची ने निर्धारित धनराशि जमा कर दी। कुम्भ मेले के कारण वह निर्धारित बालू खनन नही कर पाया और खनन विभाग को प्रत्यावेदन दिया।

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आदेश जिलाधिकारी ने दिया जिसे चुनौती दी गई

दूसरी तरफ विभाग ने नए साल के पट्टे की किश्त जमा करने की नोटिस दी।जमा न करने पर पट्टा निरस्त कर दिया और अधिक समय तक खुदाई की रॉयल्टी मांगी साथ ही ब्लैकलिस्ट कर दिया । यह आदेश जिलाधिकारी ने दिया जिसे चुनौती दी गई । कोर्ट ने कहा उन्हें इसका अधिकार नही था।

दूसरी तरफ ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही में प्राक्रिया की अवहेलना की गयी । जिस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया है।

ए सीजेएम रेलवे आगरा कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेलवे आगरा कैंट के कर्मचारियो के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी है । हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता सहित राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने लोकेंद्र सिंह व 3 अन्य की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि उनमें से एक ने गलत पार्किंग की एफ़ आई आर दर्ज कराई । इस बात से आरोपी याचिकाकर्ताओ से नाराज चल रहे थे । आरोपी ने याचियों को परेशान करने के लिए फंसाने की दुर्भावना से मारपीट व अन्य आरोपो में एफ आई आर दर्ज कराई है। जबकि ऐसी कोई घटना घटित हुई ही नही है ।

शिकायतकर्ता नरेंद्र सोढ़ी के खिलाफ याचियों ने कार्यवाही की थी । बदले में उसने झूठा केस कायम कराया है। कोर्ट ने ए सी जे एम रेलवे आगरा की अदालत में चल रहे मुकदमे की सुनवाई रोक दी है।

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