Sonbhadra : ड्रैगनफ्रूट के जरिए बढ़ाएंगे किसानों की आय, डीएमएफ बनेगा बड़ा माध्यम, डीएम ने खेती का किया निरीक्षण

Sonbhadra: सोनभद्र में भी ड्रैगन फ्रूट को किसानों के लिए बड़ी आय का जरिया बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, डीएम ने ड्रैगन फ्रूट की खेती का निरीक्षण किया।

Update:2022-10-19 19:19 IST

Sonbhadra : ड्रैगनफ्रूट के जरिए बढ़ाएंगे किसानों की आय

Sonbhadra : पड़ोसी जनपद मिर्जापुर की तरफ सोनभद्र में भी ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) को किसानों के लिए बड़ी आय का जरिया बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसको लेकर डीएमएफ (DMF) के जरिए एक मॉडल प्रोजेक्ट तैयार कर किसानों को आकर्षित करने की योजना बनाई गई है।

उद्यान विभाग (Department of horticulture) के जरिए एक हेक्टेयर जमीन चयनित कर, उसकी नर्सरी तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। पोषक तत्वों से भरपूर तथा कुपोषण बहुल जनपदों के लिए रामबाण माने जाने वाले इस फल की पहुंच जिले के प्रत्येक घर तक हो, इसके लिए प्रत्येक घर एक पौधे के पहुंच की भी योजना बनाई जा रही है।

डीएम ने ड्रैगन फ्रूट की खेती का किया निरीक्षण

इसी कड़ी में डीएम चंद्र विजय सिंह ने बुधवार को राबर्ट्सगंज ब्लाक के कुसी डौर गांव में कुछ किसानों की तरफ से साग-भाजी की अन्य प्रजातियों के साथ की जा रही ड्रैगन फ्रूट की खेती का निरीक्षण किया। साथ में मौजूद जिला उद्यान अधिकारी सुनील सिंह से इसके बारे में जरूरी जानकारी प्राप्त की। कहा कि जनपद में और भी कृषकों को ड्रैगनफ्रुट की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ लाभ से कराया जाए अवगत: DM

डीएम ने निर्देशित किया कि किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही, उन्हें इसके लाभ से भी अवगत कराया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान ड्रैगनफ्रुट की खेती कर लाभान्वित और आत्मनिर्भर बन सके। डीएम ने कुसी डौर निवासी कृषक मानसिंह सिंह के खेत में लगे ड्रैगनफु्रट, स्ट्राबेरी, टमाटर, मिर्चा आदि की खेती का निरीक्षण किया और उनसे खेती-बारी से होने वाली आमदनी के बारे में जानकारी प्राप्त की।

किसान अशोक सिंह के खेत का किया निरीक्षण

इसी गांव के किसान अशोक सिंह के खेत का भी निरीक्षण कर चार हेक्टेयर में की गई केले की खेती और स्प्रिंकलर-ड्रिप सिस्टम से की जा रही सिंचाई के संबंध में जानकारी प्राप्त की। संबंधित कृषक द्वारा बताया गया कि स्प्रिंकलर ड्रिप माध्यम से सिंचाई करने से लगभग 60 प्रतिशत कम पानी में ही पौधे के लिए पर्याप्त पानी की पूर्ति हो जाती है।

डीएम ने मत्स्य पालन के उत्पादन व बिक्री की ली जानकारी

डीएम ने यहां तालाबों में किए गए मत्स्य पालन को देखा और उनसे होने वाली आय, उत्पादन-बिक्री आदि की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के अन्य क्षेत्रों में भी लोगों को ड्रैगनफ्रुट, स्ट्राबेरी और केले की खेती करने के लिए प्रेरित किया जाए जाकि ज्यादा से ज्यादा किसान नवीनतम तकनीक और नकदी फसलों की खेती कर बेहतर आय अर्जित कर सकेंगे।

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