Sonbhadra News: पहचान छिपाकर हासिल की ड्राइवरी, MP में गायब कर दी महाराष्ट्र जा रही लाखों की एल्युमिनियम सिल्ली, तीन गिरफ्तार

Sonbhadra News: मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि चालक ने जाकिर नाम से जो आधार कार्ड दिया, वह फर्जी है।

Update:2022-06-21 16:31 IST

सोनभद्र: लाखों की एल्युमिनियम सिल्ली को ड्राइवर ने किया गायब

Sonbhadra News: पहले फर्जी आधारकार्ड के जरिए, अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर रेणुकूट (Renukoot) स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी (transport company) में ट्रक चालक की नौकरी हासिल की। इसके बाद हिण्डाल्को इंडस्ट्रीज से एल्युमिनियम सिल्ली लेकर महाराष्ट्र जाते समय मध्यप्रदेश में नीमच नामक जगह पर पूरी माल गायब कर दिया। इसकी जानकारी जब संबंधित ट्रांसपोर्ट कंपनी को हुई तो हड़कंप मच गया।

मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो पता चला कि चालक ने जाकिर नाम से जो आधार कार्ड दिया, वह फर्जी है। छानबीन आगे बढ़ी तो सामने आया कि जाकिर नहीं मनोज वर्मा है और वह यूपी के सुल्तानपुर जिले (Sultanpur District) में लम्हुआ थाना अंतर्गत नरायनपुर गांव का निवासी है।

इसके आधार पर पुलिस आगे बढ़ी तो मध्यप्रदेश के उज्जैन से लेकर मुंबई के थाणे तक फैले रैकेट की कड़ियां जुड़ती गईं और धोखाधड़ी कर लाखों का माल गायब करने में ट्रक चालक सहित चार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर उसके विभिन्न राज्यों में फैले उसके अन्य साथियोंक के साथ ही, गलाई गई सिल्ली भी बरामद कर ली गई। पूछताछ के बाद मंगलवार को आरोपियों का चालान कर दिया गया।

छानबीन जारी

बताया गया कि मनोज वर्मा के अलावा मोहम्मद हुसैन पुत्र जाफर हुसैन निवासी आस्मिता उपहार, पूनम सागर कांपलैक्स, मीरा रोड ईस्ट, थाना पूनम, जिला थाणे, (मुंबई) हाल पता जन्नत गेस्ट हाउस, हुसैन टेकरी, थाना जावरा, जिला रतलाम (एमपी), सादाब खां उर्फ राजू पुत्र आमिर खां निवासी पाल्यारोड नागदा जक्शन, थाना नागदा मंडी, जिला उज्जैन (एमपी) को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ में, अल्युमिनियम सिल्ली गायब कर, दूसरे रूप में खपाने वाले गिरोह के बारे में कई जानकारियां हासिल हुई हैं, जिसके आधार पर आगे की छानबीन जारी है।

जांच में आधार कार्ड भी फर्जी निकला

प्रभारी निरीक्षक पिपरी ने बताया कि इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड जाकिर उर्फ मनोज वर्मा है। पहले उसने दूसरा पता देकर जाकिर के नाम से नौकरी हासिल की। इसी नाम पते का आधार कार्ड भी अपने मालिक को दिया लेकिन जब अल्युमिनियम सिल्ली गायब होने के मामले की छानबीन शुरू की गई तो पता चला कि दिए गए पते पर जाकिर नामक कोई व्यक्ति ही नहीं रहता। जांच में आधार कार्ड भी फर्जी निकला।

इसके बाद जांच आगे बढ़ाई गई। मध्यप्रदेश के कई जगहों पर संपर्क साधा गया तब जाकर पता चला कि जाकिर नामक चालक वास्तव में मनोज वर्मा है और वह सुल्तानपुर का रहने वाला है। उसके बारे में छानबीन आगे बढ़ाई गई तो उसके साथियों के नाम भी सामने आते गए। मामले में चौकी प्रभारी रेणुकूट शिव कुमार सिंह की अगुवाई वाली टीम ने मनोज और उसके गिरोह से जुड़े दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से गलाकर रखी गई लगभग 15 लाख की एल्युमिनियम सिल्ली और 12500 नकद बरामद किए गए हैं। पूछताछ में और भी कई जानकारियां मिली हैं, जिसकी छानबीन कराई जा रही है।

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