किसानों का आर्थिक युद्धः सरकार का गुस्सा अंबानी पर, रिलायंस जिओ का बहिष्कार
कृषि कानूनों के बारे में केंद्र सरकार का मसौदा मिलने के बाद किसान संगठनों ने मान लिया है कि सरकार उनके बारे में नहीं सोच रही है। किसानों ने कहा है कि सरकार के साथ सभी समझौता वार्ता फेल हो चुकी हैं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार से वार्ता विफल होने के बाद अब किसानों ने आर्थिक मोर्चे पर लड़ाई छेडऩे का ऐलान किया है। केंद्र सरकार का गुस्सा देश के पूंजीपतियों पर उतारते हुए किसान संगठनों ने अंबानी की रिलायंस कंपनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है। किसानों ने कहा है कि वह रिलायंस जिओ के उत्पादों का बहिष्कार करेंगे।
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सरकार उनके बारे में नहीं सोच रही है
कृषि कानूनों के बारे में केंद्र सरकार का मसौदा मिलने के बाद किसान संगठनों ने मान लिया है कि सरकार उनके बारे में नहीं सोच रही है। किसानों ने कहा है कि सरकार के साथ सभी समझौता वार्ता फेल हो चुकी हैं। अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। किसानों ने आंदोलन की रणनीति का ऐलान बाद में करने की बात कही है लेकिन किसानों के संघर्ष के तेवर अब भी कड़े दिखाई दे रहे हैं। किसानों ने अपनी भावी रणनीति का संकेत भी कर दिया है। इसके तहत अब किसान सीधे अंबानी की कंपनियों के आर्थिक हितों पर चोट करेंगे। किसान नेताओं का मानना है कि अंबानी जैसे उद्योगपतियों के इशारे पर ही सरकार उनकी बात नहीं मान रही है।
संशोधन करने में अंबानी की दोस्ती आड़े आ रही है
कृषि कानून में संशोधन करने में अंबानी की दोस्ती आड़े आ रही है। ऐसे में अब सीधी लड़ाई अंबानी से ही होगी। किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि अब दिल्ली और आसपास के राज्यों से भी किसानों को दिल्ली चलो का नारा दिया जाएगा। बाकी राज्यों में अनिश्चितकाल तक के लिए धरने जारी रखे जाएंगे। 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्ली हाइवे जाम कर दिया जाएगा। किसान नेताओं ने यह भी बताया कि उन्होंने रिलायंस जिओ के उत्पादों का बहिष्कार करने का भी फैसला किया है। उनका मानना है कि जब सरकार में बैठे लोग अंबानी को अमीर बनाना चाहते हैं तो अब किसान उनके उत्पादों का बहिष्कार कर अंबानी का आर्थिक साम्राज्य ही कमजोर कर देंगे।
देश में भाजपा नेताओं के घेराव करने की रणनीति पर भी विचार कर रहे हैं
जब अंबानी का आर्थिक साम्राज्य ढहेगा तो अंबानी ही चाहेंगे कि किसानों की मांग मान ली जाए। किसान नेताओं ने यह भी बताया कि वह पूरे देश में भाजपा नेताओं के घेराव करने की रणनीति पर भी विचार कर रहे हैं। भाजपा के नेताओं और मंत्रियों का हर जिले और गांव में पहुंचने पर किसानों की ओर से घेराव किया जाएगा।
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14 दिसंबर को देश भर में धरना- प्रदर्शन
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों पर पेश किए गए प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसान नेताओं का गुस्सा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि हम अपना आंदोलन तेज करने जा रहे हैं। 14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा। दिल्ली की सडक़ों को जाम करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि जयपुर-दिल्ली हाइवे को 12 दिसंबर तक रोका जाएगा। पूरे देश में आंदोलन होगा। 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
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