Meerut News: मानव गंध की वजह से तेंदुआ मां ने शावक को ठुकराया, अब लायन सफारी में भेजे जाने की तैयारी

Meerut News: वन विभाग शावक को इटावा के लायन सफारी में शिफ्ट करने की तैयारी में है।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-04-07 07:59 GMT

Meerut News: मेरठ में भगवानपुर के जंगल में मिले तेंदुआ शावक को मां से मिलाने के प्रयास जारी हैं। तेंदुए के  एक माह की उम्र के शावक को वन विभाग काफी कोशिशों के बाद भी उसकी मां से मिलाने में कामयाब नही हो पाई है। अब वन विभाग शावक को इटावा के लायन सफारी में शिफ्ट करने की तैयारी में है।

दरअसल, स्थानीय मानव गंध की वजह से तेंदुआ मां ने उसे ठुकरा दिया है। वन विभाग का कहना है कि इंसानी गंद से पैदा हुए भय के चलते शावक को उसी मां ने ठुकरा दिया है।  

ग्रामीणों ने वन विभाग को दी सूचना

बता दें कि बीते शनिवार शाम को किठौर क्षेत्र के भगवानपुर के जंगल में तेंदुए की गुर्राहट सुनकर ग्रामीण गन्ने के खेत में छुप गए थे। बाद में खोजबीन में शावक मिल गया। किठौर के भगवानपुर बांगर निवासी भूरे शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे गांव के रतनवीर, कर्मवीर व राजू के साथ अपने खेत में गन्ना छिलाई कर रहे थे। तभी गुर्राने की आवाज आई। थोड़ी दूरी पर तेंदुआ देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। वो भागकर गन्ने के खेत में छिप गए।

तेंदुए के हटने के बाद किसान बाहर निकले, और 112 नंबर पर फोन कर दिया। साथ ही ग्रामीणों ने लाठी-डंडा लेकर तेंदुए की तलाश शुरू कर दी। पास में भूरे के खेत में रतनवीर ने तेंदुए का शावक देखा। उसे उठाकर गांव ले गए। तेंदुआ शावक मिला तो गांव वालों ने उसे हाथ में उठाकर खूब दुलारा, और सेल्फी ली।

 मानव गंध आने से तेंदुआ मां ने नहीं अपनाया

शावक में मानव गंध बसने से मां ने उसे नहीं अपनाया। मादा तेंदुआ खोजते हुए रविवार व सोमवार की रात शावक के पास तक पहुंची लेकिन न उसे दूध पिलाया, और न ही साथ ले गई। रेंजर जग्गनाथ ने इसका ठींकरा गांव वालों पर फोड़ा है। उन्होंने बताया कि तेंदुआ शावक जंगल के तौर तरीकों को सीख नहीं पाएगा। उसका पूरा जीवन चिड़ियाघर में बीतेगा। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश मुख्यालय के निर्देशों का इंतजार है। इसके बाद वन विभाग की टीम शावक को इटावा के लायन सफारी में शिफ्ट करने के लिए रवाना होगी।

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