रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री को प्राइवेट सेक्टर में देने के फैसले का विरोध

यूपी के रायबरेली में मार्डन रेल कोच फैक्ट्री के कर्मचारी सोमवार को सड़क पर उतर आए। कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर जमकर प्रदर्शन किया। दरअसल ये कर्मचारी इसलिए प्रदर्शन के लिए उतरे हैं क्योंकि रेलवे बोर्ड ने कोच फैक्ट्री के सातों यूनिट को प्राइवेट कंपनी के हाथ में देने का एक लेटर जारी किया है।

Update: 2019-06-24 13:12 GMT

रायबरेली: यूपी के रायबरेली में मार्डन रेल कोच फैक्ट्री के कर्मचारी सोमवार को सड़क पर उतर आए। कर्मचारियों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर जमकर प्रदर्शन किया। दरअसल ये कर्मचारी इसलिए प्रदर्शन के लिए उतरे हैं क्योंकि रेलवे बोर्ड ने कोच फैक्ट्री के सातों यूनिट को प्राइवेट कंपनी के हाथ में देने का एक लेटर जारी किया है। इस बात की खबर लगने के बाद कर्मचारी लामबंद हो गए हैं।

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सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के लालगंज में यूपीए सरकार में रेल कोच फैक्ट्री का निर्माण हुआ था। यहां के कर्मचारियों ने बताया कि 18 जून रेलवे बोर्ड ने एक लेटर जारी किया है।

इस लेटर में बोर्ड ने फैसला लिया है कि कोच फैक्ट्री को प्राइवेट सेक्टर में देंगे। इसमें सबसे पहले एमसीएफ को प्राइवेट किए जाने की बात सामने आई है। इसकी खबर पाकर कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जो आगे भी जारी रहेगा।

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कर्मचारियों की मांग है कि जो लेटर जारी हुआ है उसे कैंसिल किया जाए और यहां ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि ये फैक्ट्री रेलवे में सबसे ज्यादा फायदे में चल रही है, अपनी क्षमता से तीन गुना काम दे रही है। फिर किस आधार पर रेलवे बोर्ड ने इसके नियमितीकरण का लेटर निकाला है।

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