पर्यावरण स्पेशलः जंग अपनी अपनी, पति कोरोना से तो पत्नी गायकी से लड़ रही जंग

आज यानी 5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस पर तरह-तरह के सेमिनार का आयोजन भी हो रहा है ऐसे में बाराबंकी की एक लोकगायिका अपनी गायिकी से पर्यावरण बचाने का प्रयास कर रही हैं

Update: 2020-06-05 06:14 GMT

आज यानी 5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस पर तरह-तरह के सेमिनार का आयोजन भी हो रहा है ऐसे में बाराबंकी की एक लोकगायिका अपनी गायिकी से पर्यावरण बचाने का प्रयास कर रही हैं। यह गायिका अपनी लोकगीतों के माध्यम से यह सन्देश दे रही है कि पर्यावरण से दूर भागती मानवजाति इसके करीब रहे और इसे बचाये अन्यथा जीवन नरक के समान हो जाएगा।

पद्मश्री शारदा सिन्हा और मालिनी अवस्थी को आदर्श मान कर एकलव्य की भाँति उनसे शिक्षा लेने वाली प्रियंका की गायिका का सन्देश क्या है आप भी सुन लीजिए ....

[video data-width="640" data-height="352" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2020/06/paryavaran-diveas-5.mp4"][/video]

 

लोकगीत को आगे बढ़ाने का प्रयास करती रहेंगी

बाराबंकी जनपद में लोकगायिकी के माध्यम से अपना जादू बिखेर चुकी इस गायिका का नाम प्रियंका पाण्डेय है। प्रियंका के पति डॉक्टर है और वह देशवासियों की चिन्ता में कोरोना की जंग लड़ रहे है और प्रियंका पर्यावरण के असंतुलन को लेकर चिन्तित है। यह चिन्ता उनकी गायिकी में साफ-साफ दिखती भी है। लोकगायिकी में पद्मश्री शारदा सिन्हा और मालिनी अवस्थी को सुनकर अपने आप को निखारने वाली प्रियंका कहती है कि जब तक उनके शरीर में जान है वह लोकगीतों को आगे बढ़ाने का प्रयास करती रहेंगी।

ये भी पढ़ें: सिद्धू का सियासी रंगमंच: अब राजनीति के इस मंच पर उतर सकते हैं…

वातावरण प्रदूषण मुक्त रहे और लोग खुली हवा में साँस ले सके इसके लिए सबसे बड़ी आवश्यकता आज वृक्षो को लगाने की है। जब संसार हरे भरे वृक्षों से आच्छादित होगा तभी लोग स्वस्थ रहेंगे, उनकी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहेगी और मौसम का सन्तुलन बना रहेगा।

प्राकृति से न करें छेड़छाड़

प्रियंका पाण्डेय ने बताया कि आज मनुष्य की सबसे बड़ी चिन्ता उसके स्वास्थ्य की है और इसके लिए वातावरण का शुद्ध होना अत्यन्त आवश्यक है। पर्यावरण दिवस हमारे लिए उस शुभ अवसर की भाँति है जब हम यह संकल्प लें सकते हैं कि हम पर्यावरण बचाएंगे , पेड़ लगाएंगे, देश को हरा भरा बनाएंगे और खुद स्वस्थ रहेंगे और समाज को भी स्वस्थ रखेंगे। प्रियंका ने बताया कि आज मौसम का असंतुलन ही है कि बारिश में बारिश नहीं, सर्दी में सर्दी नही और तमाम तरह की दैवीय आपदाएं जैसे भूकम्प आना, तूफान आना यह सब संकेत हैं कि प्राकृति से हम छेड़छाड़ न करें अन्यथा प्रकृति जब छेड़ेगी तो जीवन नरक बन जायेगा। इसी लिए हमारा ध्येय वाक्य होना चाहिए कि पर्यावरण की रक्षा करें और स्वस्थ रहें, मस्त रहें।

लोकगायिकी में अपना नाम कमा रही हैं

लोक गायकी के शौक के बारे में प्रियंका बताती है कि बचपन से ही उन्हें गाने का शौक था और इसमें उनके माता-पिता का भरपूर सहयोग मिला। एक दिन अखबार के माध्यम से उन्हें एक कार्यशाला के बारे में पता चला तो उसमें भाग लेकर अपनी गायिकी को निखारा। पद्मश्री शारदा सिन्हा और मालिनी अवस्थी को आदर्श मानकर उनसे उसी प्रकार सीखा जैसे कभी एकलव्य ने आचार्य द्रोण से सीखा था। इन विभूतियों को देखकर ही गायिकी की बारीकियां सीखने को मिली और आज वह लोकगायिकी में अपना नाम कमा रही हैं। जब तक जीवन है तब तक वह भारत की विधा लोक गायिकी को आगे बढ़ाने का काम करती रहेंगी। मालिनी अवस्थी की "सोन चिरइया " के माध्यम से जो उन्हें सीखने को मिला वह उसे अपना सौभाग्य मानती है।

ये भी पढ़ें: MV Agusta: आ गई इकलौती अनोखी बाइक, जानिये कौन होगा वो खुशनसीब

कुछ भी यह दम्पत्ति आज देश के लिए जो काम कर रही है वह अतुलनीय है जैसे प्रियंका के पति डॉक्टर अजय मिश्र इटावा जनपद के सैफई में रहकर कोरोना से लोगों को बचाने में देश की सेवा कर रहे है वहीं प्रियंका भारत की शान कही जानी वाली लोकगायिकी के माध्यम से पर्यावरण की चिन्ता में दिन रात एक किये हुए है। सीधे तौर पर कहा जाए तो दोनों अपना दाम्पत्य जीवन छोड़कर भारत की सेवा में लगे हुए हैं। तरीका अलग-अलग जरूर है मगर लक्ष्य एक ही है कि "इण्डिया फर्स्ट" ।

[video data-width="640" data-height="352" mp4="https://newstrack.com/wp-content/uploads/2020/06/paryavaran-diveas-1.mp4"][/video]

रिपोर्ट: सरफराज वारसी

ये भी पढ़ें: करीना-तैमूर के इस Video ने तोड़ा रिकॉर्ड, देखते-देखते हो गया इस कदर वायरल

Tags:    

Similar News