झोलाछाप डॉक्टर की बड़ी लापरवाही: गलत इलाज ने ली गर्भवती महिला की जान
प्रेमनगर क्षेत्र में डॉ विजय गुप्ता के क्लीनिक पर आज दोपहर लगभग 4 बजे सात माह की गर्भवती (26 वर्षीय) की ब्लड चढ़ाते समय गलत इंजेक्शन लगने से उपचार के दौरान मौत हो गई।
एटा: जनपद के थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के शिकोहाबाद रोड स्थित प्रेमनगर क्षेत्र में डॉ विजय गुप्ता के क्लीनिक पर आज दोपहर लगभग 4 बजे सात माह की गर्भवती (26 वर्षीय) की ब्लड चढ़ाते समय गलत इंजेक्शन लगने से उपचार के दौरान मौत हो गई।
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मृतिका के पिता ने
मृतिका के पिता ने बताया कि मेरी पुत्री प्रियंका की शादी औनघाट में घनश्याम के साथ हुई थी। बीते दो दिनों से उसका इलाज विजय डाक्टर के पास चल रहा था। उन्होंने उसे खून की कमी बताई थी तो घनश्याम ने डाक्टर की सलाह पर उसे दो ब्लड की बोतल चढावा दी गई। आज प्रातः उसे घबराहट होने लगी तो वह उसे डाक्टर को दिखाने के लिए लेकर आए। जहां उन्होने प्रियंका के एक इंजेक्शन लगा दिया, उसके लगते ही उसे सांस लेने में परेशानी हुई और उसने तड़पते हुए कुछ ही समय में दम तोड़ दिया।
प्रियंका की मौत होते ही डॉक्टर व उनका स्टाफ क्लीनिक छोडकर फरार हो गये। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतिका के शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम हेतु भेजा है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर अशोक कुमार ने बताया कि मृतिका के परिजनों की तहरीर पर घटना की रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी है और शव का पोस्टमार्टम कराया है।
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मुख्य चिकित्साधिकारी ने कही ये बात
मुख्य चिकित्साधिकारी अरविन्द गर्ग ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर के अवैध क्लीनिक पर मौत की हमे जानकारी हो गई है। मैंने परिजनों से लिखित शिकायत मांगी है शिकायत प्राप्त होते ही जांच कराके कार्यवाही की जाएगी।
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लगभग दो माह पूर्व इसी डाक्टर के यहाँ एक और महिला की प्रशव के दौरान मौत हो चुकी है, किंतु स्वास्थ्य विभाग की भ्रष्टाचार की नीति के चलते आज तक कोई कार्रवाई न होना उनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। जब मुख्यालय पर सरेआम क्लीनिक संचालित हो रहे हैं तो गांवों में क्या हाल होगा। यह लोग जानकारी के अभाव में कितने लोगों की जान लेते होगे आज की मौत की जांच के लिए वह शिकायती पत्र मांग रहे हैं जबकि ऐसे झोलाछापों के विरुद्ध कार्यवाही उनकी ड्यूटी है और शासन की मंशा।
विभागीय सूत्रों के अनुसार एटा में स्वास्थ्य विभाग को इन फर्जी क्लीनिकों के संचालन कराने के लिए इनसे मोटी रकम प्राप्त होती है जिस कारण यह शिकायतों के बाबजूद भी कार्यवाही नहीं की जाती है। आखिर कब तक चलता रहेगा यह मौतों का कारोबार।
रिपोर्ट: सुनील मिश्रा
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