Etah News: एटा में जाने क्यों नहीं मिल रही किसानों को डीएपी, जिम्मेदार कौन?

Etah News; आज तक ऐसे लोगों पर या बोरियां रखने वाले माफियाओं के स्थान या डीएपी माफियाओं पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ी ।

Report :  Sunil Mishra
Update:2024-11-21 13:55 IST

एटा में जाने क्यों नहीं मिल रही किसानों को डीएपी  (photo: social media)

Etah News: एटा जनपद में डीएपी की कालाबाजारी रुकने का नाम ही नहीं ले रही। चाहे सहकारी समिति हो, चाहे प्राइवेट दुकान कही भी डीएपी उपलब्ध नहीं है। अगर जेब में 1700 से 1800 रूपये हो तो तुरंत डीएपी की बोरी उपलब्ध है। उन्हें न किसी फर्द की जरूरत है न किसी फिंगर प्रिंट की भी नियम कानून रुपये के आगे फेल है। सभी स्थानों पर दलाल यानि ऐजेन्ट घूमकर ग्राहक को पकड़ कर लाते हैं, तो रूपये लेने के बाद उन्हें एक अलग से पर्ची मिलती है। उसे दिखाते ही अलग अलग स्थानों पर ब्लैक हेतु रखी बोरी मिल जाती है। यह खेल पूरे जनपद में काफी लम्बे समय से जारी है। पर आज तक ऐसे लोगों पर या बोरियां रखने वाले माफियाओं के स्थान या डीएपी माफियाओं पर प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ी यह विचारणीय है?

कही इनका भी तो - - - - - - - है

जनपद के विकास खंड शीतलपुर के ग्राम जीसुखपुर स्थित सहकारी समिति के अध्यक्षहरी सिंह वर्मा की मिली भगत के चलते कालाबाजारी का बड़ा खेल हो रहा है। इसी खेल में समिति के कर्मचारी विशेष यादव द्वारा रात्रि आठ बजे ग्रामीणों, महिलाओं पुरुषों के विरोध के बावजूद जबरन गुंडई के बल पर चोरों की भांति ब्लैक के लिए डीएपी की भारी संख्या में बोरियां एक छोटा हाथी व टू व्हीलर में भरकर ले जाने का वीडियो गांव के किसानों व ग्रामीणों द्वारा बनाकर वायरल किया गया। वीडियो में एक व्यक्ति गोदाम में जबरन बोरियां उठाता व किसानों से वहस करता नजर आ रहा है। जबकि यह न तो समिति का कर्मचारी हैं और कोई अधिकारी और पास में ही समिति गोदाम प्रभारी विशेष यादव भी खड़े होकर बोरियां उठवाता नजर आ रहा है।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि रात्रि में आठ बजे यह गोदाम किसके आदेश पर और किसने खोला तथा रात्रि में डीएपी की बोरियां छोटे हाथी संख्या UP82AT 1917 व टैंपू संख्या UP82At 5381 में भरकर कहाँ ले जाई गई।

दूसरे दिन बांटने की बात

आपको बताते चलें कि दो दिन पूर्व उक्त जीसुखपुर समिति पर डीएपी किसानों की बिक्री हेतु आई थी जो समिति पर किसानों की भीड़ अधिक होने के कारण कुछ बोरियां बांटने के बाद ही पुलिस और समिति कर्मचारीयों ने मिलकर गोदाम बंद कर दूसरे दिन बांटने की बात कही। किंतु दूसरे पूरे दिन किसानों की भारी भीड़ लगी रही। डीएपी नहीं बटी देर शाम गोदाम इंचार्ज विशेष यादव अपने साथियों के साथ एक छोटा हाथी व टू व्हीलर लेकर आया और रात्रि में ही किसानों व ग्रामीणों के विरोध के चलते जबरन डीएपी की बोरियां भर कर ले गया।

प्रमोद कुमार ने बताया कि जीसुखपुर सहकारी समिति का अध्यक्ष पद हरीसिंह वर्मा है जो पडोसी गांव नहचलपुर निवासी है जो गाँव में बिल्कुल भी डीएपी नहीं बांट रहा है जबरन यहां से अपने गांव भरकर ले जाता है या 1700, 1800 रुपये में उनके एजेन्ट डीएपी बेच रहे हैं। विरोध करने पर जेल भिजबाये जाने की धमकी दी जाती है। सहकारी समिति जीसुखपुर के अध्यक्ष हरि सिंह वर्मा का कई बार फोन मिलाने पर उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। ए आर कोऑपरेटिव सतीश कुमार ने उक्त वायरल वीडियो तथा समिति पर खुलेआम डीएपी ब्लैक किए जाने की जानकारी करने पर कहा कि मेरे द्वारा जांच हेतु कुछ लोग जीसुखपुर भेजे गए हैं जानकारी होने पर बताऊंगा।वहीं जीसुखपुर समिति पर भेजे गये स्टाक के बारे में वह कोई जानकारी नहीं दे सके। दोपहर 12 बजे तक उनके द्वारा सिर्फ जांच कराने की बात बताकर इस कालाबाजारी जैसे गंभीर विषय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

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