आज़ादी के 70 साल बाद भी गांव में सड़क नहीं, गांव वालों ने कहा रोड नहीं तो वोट नहीं

वोट बहिष्कार का नारा लगा रहे यह युवक स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से खासा नाराज हैं। इनकी नाराजगी की वजह गांव को जोड़ने वाली यह सड़क है। जो आज़ादी के 70 साल बाद भी खस्ताहाल है आज भी इस गांव में दुल्हनें गाड़ी कार से नही बल्कि डोली से ही बिदा की जाती है।

Update:2019-04-14 16:37 IST

गोरखपुर: वोट बहिष्कार का नारा लगा रहे यह युवक स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से खासा नाराज हैं। इनकी नाराजगी की वजह गांव को जोड़ने वाली यह सड़क है। जो आज़ादी के 70 साल बाद भी खस्ताहाल है आज भी इस गांव में दुल्हनें गाड़ी कार से नही बल्कि डोली से ही बिदा की जाती है।

किसी के बीमार होने पर गांव में एम्बुलेंस तक नही पहुंच पाता है ग्रामीण किसी तरह से बीमार व्यक्ति को 2 किलोमीटर एम्बुलेंस तक सड़क पर लेकर जाते है।

ग्रामीण सुखराम का कहना है कि इस सड़क को बनवाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन पिछले 70 सालों से उनकी समस्या का समाधान करने कोई नहीं आया।

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इस दौरान कई चुनाव हुए और उम्मीदवारों के आश्वासन के बाद इनकी समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। इसलिए विवश होकर उन्हें चुनाव बहिष्कार का निर्णय लेना पड़ा। ग्रामीणों का साफ-साफ कहना है कि जब तक सड़क नहीं बन जाती वह मतदान नहीं करेंगे।

आपको बताते चलें कि यह गांव में सभी जाति के लोगों की आबादी वाला गांव है गांव की कुल आबादी 2500 है। जिसमें करीब 600 सौ वोटर हैं। इन के बहिष्कार के निर्णय के बाद भी कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि गांव में अब तक नहीं पहुंचा है।

वहीं इस बारे में प्रदेश सरकार के आबकारी मंत्री स्थानीय विधायक जय प्रताप सिंह ने बताया कि उनके विधानसभा के इस गांव में आज भी सड़क की समस्या है। इसकी वजह यह है कि लोग जमीन नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि वो कई बार प्रयास कर चुके हैं। यह गाँव नदी में बसा है। वोट न देने के सवाल पर मन्त्री जी का बयान निहायत ही चौकाने वाला है। उनका कहना है कि वो खुद और प्रशासन के लोग भी ग्रामीणों को वोट के लिए समझाएंगे कि गाँव के लोग वोट जरूर करे।अगर भाजपा का काम नही पसन्द है। तो विपक्ष को वोट करे लेकिन अपने अधिकार का प्रयोग जरूर कर

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