नहीं रहे अयोध्या आन्दोलन से जुड़े पूर्व बीजेपी सांसद स्वामी सुरेशानंद
स्वामी सुरेशा नन्द राम मंदिर आंदोलन के दौरान चली राम लहर में वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश की जलेसर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे।
फिरोजाबाद: अयोध्या आंदोलन से जुड़े जलेसर संसदीय क्षेत्र से पूर्व बीजेपी सांसद स्वामी सुरेशानन्द का लंबी बीमारी के चलते शुक्रवार की रात्रि को निधन हो गया। वह कैंसर से ग्रसित थे। स्वामी सुरेशानन्द ने 72 वर्ष की आयु में शुक्रवार की रात्रि करीब 11 बजे अन्तिम सांस ली। शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव दिहुली में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी।
राम लहर में जीते थे चुनाव
स्वामी सुरेशा नन्द राम मंदिर आंदोलन के दौरान चली राम लहर में वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश की जलेसर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे। स्वामी जी ने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान मंदिर निर्माण के लिए भाजपा के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए कई जनपदों में मंदिर निर्माण के पक्ष में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके बदले स्वरूप भाजपा ने उन्हें जेसर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। उस समय की राम लहर मेंवो चुनाव जीत गए। और जलेसर से सांसद बन कर संसद पहुंच गए। सांसद बनने के बाद स्वामी सुरेशानंद ने विवाह किया जो काफी दिनों तक चर्चा का विषय बना रहा। फिलहाल अभी दो साल पूर्व उनका लीवर भी ट्रांसप्लांट हुआ था।
अंतिम समय तक पैतृक गांव में किया निवास
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पूर्व सांसद ने अपने पीछे परिवार में दो बेटे और पत्नी को छोड़ गए हैं। स्वामी जी की पत्नी और पुत्र नई दिल्ली में निवास करते हैं। स्वामी जी अपने अंत समय तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभाने के उद्देश्य से अपने पैतृक गांव दिहुली में रहकर गौसेवा, पंचगव्य चिकित्सा एवं आयुर्वेद आदि के लिए क्षेत्रीय जनों को प्रोत्साहित किया करते थे।
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उन्होंने खुद के कैंसर के रोग से ग्रस्त होने के उपरांत अपने उपचार में भी एलोपैथी की बजाय पंचगव्य चिकित्सा को वरियता दी। पूर्व सांसद के परिवार में पत्नी गीता सिंह पुत्र विश्वेंद्र सिंह एवं शिवेंद्र सिंह हैं। फिलहाल स्वामी सुरेशानंद अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। उनके अंतिम संस्कार के दौरान फिरोजाबाद सांसद विधायक, चेयरमेन सहित कई गणमान्य व्यक्ति समर्थक उपस्थित रहे।
सुनील मिश्र