फर्जी मुठभेड़: विवेचना के 19 साल, लेकिन नहीं पूरी हो सकी जांच
मेरठ की रहने वाली सीमा देवी की याचिका पर नायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति एस.के. गुप्ता सुनवाई कर रहे है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि पुलिस ने 17 अक्टूबर 2000 को सुभाष नाम के युवक को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मुठभेड़ में युवक की हत्या के मामले में 19 सालों में विवेचना पूरा न करने पर एसएसपी मेरठ को तलब किया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि जांच अधिकारी केस डायरी के साथ हाजिर होते है तो एसएसपी को व्यक्तिगत तौर पर आने की जरूरत नहीं है।
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बताया जाता है कि मेरठ की रहने वाली सीमा देवी की याचिका पर नायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति एस.के. गुप्ता सुनवाई कर रहे है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि पुलिस ने 17 अक्टूबर 2000 को सुभाष नाम के युवक को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया।
सुभाष की पत्नी सीमा देवी की शिकायत पर मामले की जांच हुई और पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। सीमा देवी ने इसके खिलाफ प्रोटेस्ट दाखिल किया जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने फाइनल रिपोर्ट रद्द कर दी और मामले की अग्रिम विवेचना सीबीसीआईडी को सौंप दी।
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जांच अभी भी लंबित है। 19 साल में भी जांच पूरी नहीं की जा सकी है। कोर्ट ने इस मामले में सरकारी वकील से जानकारी मांगी थी। जवाब दाखिल नहीं होने पर एसएसपी को केस डायरी के साथ 5 अक्तूबर को तलब किया है।