मांगी इच्छामृत्यु: DM ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन, खत्म हो रही न्याय की आस

मामला कोतवाली धौरहरा क्षेत्र में हुए जच्चा-बच्चा हत्याकांड से जुड़ा है। जहां पांच महीने बाद भी पुलिस ने कार्रवाई की बात तो दूर मुकदमा तक दर्ज नहीं किया है।

Update:2020-09-01 09:05 IST

लखीमपुर: धौरहरा पुलिस की कारस्तानी से परेशान पीड़ित परिवार डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गया है। पीड़ित ने डीएम से कार्रवाई या फिर इच्छामृत्यु मांगी है। मामला कोतवाली धौरहरा क्षेत्र में हुए जच्चा-बच्चा हत्याकांड से जुड़ा है। जहां पांच महीने बाद भी पुलिस ने कार्रवाई की बात तो दूर मुकदमा तक दर्ज नहीं किया है।

ससुराल वालों ने जीवित जच्चा-बच्चा को बताया मृत

सनद रहे कोतवाली धौरहरा के लालापुरवा मजरा जुगनूपुर में 21-22 अप्रैल को संदेहास्पद स्थिति में नवजात बेटी और मां की मौत हो गई थी। मामले में तंत्र की लापरवाही का आलम यह रहा कि गंभीर आरोपों के बावजूद पुलिस ने उस नवजात बच्ची का शव ढूढने तक की कोशिश नहीं की। जिसे आरोपितों ने बच्ची को मृत जन्मी बताया था। लेकिन अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक वह जीवित और स्वस्थ जन्मी थी।

ससुरालीजनों जीवित जच्चा-बच्चा को बताया मृत (फाइल फोटो)

बता दें कि 22 अप्रैल को लालापुरवा निवासी बबलू की पत्नी पप्पी देवी ने धौरहरा के सरकारी अस्पताल में एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया था। सीएचसी अधीक्षक डॉ.सुभाष वर्मा के मुताबिक प्रसव के दौरान मां बेटी दोनों स्वस्थ थीं। उन्हें रात तीन बजे उसके पति व परिवारीजन डिस्चार्ज करवा कर ले गए थे। लेकिन इसके दो घंटे बाद सुबह पांच बजे पप्पी के ससुरालीजनों ने उसके पिता खमरिया निवासी श्रीकृष्ण को पप्पी की मौत और मृत बेटी पैदा होने की सूचना फोन पर दी थी।

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मामला 23 अप्रैल को पुलिस तक पहुंचा और वहां भी पप्पी के पति बबलू और उसके परिवारीजनों ने मृत बेटी के जन्म लेने का बयान दिया। इसके कुछ देर बाद जब अस्पताल के रिकॉर्ड और अधीक्षक के बयान से यह प्रमाणित हुआ कि पप्पी ने मृत नहीं एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया था। तब भी कोतवाली पुलिस ने नवजात का शव तलाश करने की जहमत नहीं उठाई। ऐसा तब था जब पप्पी के ससुराल वालों का झूठ प्रमाणित हो चुका था और नवजात को वह लोग रात में ही दफना देने की बात कह रहे थे।

कार्रवाई न होने से परेशान परिवार, धरने पर बैठा

DM ऑफिस के सामने धरने पर बैठा परिवार (फाइल फोटो)

इस विषय में पूछे जाने पर तात्कालिक कोतवाल हरिओम श्रीवास्तव ने खुद को प्रकरण से अनजान कहकर पल्ला झाड़ लिया था। इसी दिन सीओ अभिषेक प्रताप ने कहा था कि जांच करवा रहे हैं और अपराध की दशा में कार्रवाई होगी। पर वह जांच आज तक पूरी नहीं हो पाई। मृतका पप्पी के पिता श्रीकेशन ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की थी।

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जिसपर डीएम साहब ने पांच माह बाद मृत बच्ची का शव खोदवाकर विसरा सुरक्षित करवाने के आदेश दिए थे। जिसमें पुलिस ने डीएम के आदेशों का पालन करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। लेकिन मुकदमा दर्ज नही हुआ। पुलिस की इस कारस्तानी से परेशान पीड़ित श्रीकेशन सोमवार को अपने पूरे परिवार के साथ डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गया। हालांकि डीएम ने पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के निर्देश दिए है।

रिपोर्ट- शरद अवस्थी

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