Famous Eating Joints of Lucknow: खाइये जनाब ये स्वादिष्ट लखनऊ है, जानें राजधानी की फेमस खानें की चीज़ें और जगह

Famous Eating Joints of Lucknow: लखनऊ की नज़ाकत और यहाँ के खान-पान दोनों से ही नबाबियत झलकती है।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-06-07 15:50 GMT

Famous Eating Joints of Lucknow।

Famous Eating Joints of Lucknow: लखनऊ की नज़ाकत और यहाँ के खान-पान दोनों से ही नबाबियत झलकती है। तभी तो इसे नवाबों का शहर कहते हैं। साथ ही यहाँ मौजूद ऐतिहासिक विरासतों के लिए भी लखनऊ पुरे विश्व में मशहूर है। यहाँ की तहज़ीब, खानों में बेहतरीन स्वाद और उससे भी बढ़कर कला और स्वाद के शौकीनों के लिए लखनऊ शहर किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

चाहे आप शाकाहारी हो या मांसाहारी, दोनों प्रकार के व्यक्तियों के लिए यह शहर व्यंजनों के अच्छे खासे विकल्प पेश करता है। तभी तो यहाँ कहते हैं कि "खाइए जनाब! आप लखनऊ में हैं।" खाने -पीने के शौकीनों के लिए ये शहर जन्नत है। जो शाम होते है रंगीन और खुशबुओं से भर उठती है।

उल्लेखनीय है कि अपने अदब, तहजीब, मेहमान नवाजी और शालीनता वाला यह शहर अवधी जायके के लिए बेहद प्रसिद्ध माना जाता है। यहाँ मिलने वाले शाही पकवानों की यह परंपरा नवाबों के समय से ही चली आ रही है। अगर आप लखनऊ में खाने की चीज़ें और खूबसूरत जगहों की बात करेंगे तो शायद ये लिस्ट जितनी लंबी होगी उतनी ही दिलचस्प भी।

लखनऊ में शाकाहारी पकवान या खाने की मशहूर चीज़ें और जगह

प्रकाश की मशहूर कुल्फी

स्वाद के दीवानों के बीच मुख्य अमीनाबाद बाजार में स्थित प्रकाश कुल्फी काफी लोकप्रिय है। इसका अनुमान आप ऐसे लगा सकते हैं कि साल के सभी मौसम में इसकी मांग एक समान ही रहती है। लोकप्रियता ऐसी की स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक भी इसका लुत्फ उठाने को आतुर रहते हैं।

समय: सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक।


रॉयल कैफे का बास्केट चाट

आप सोच रहे होंगें कि चाट में क्या अलग है ? चाट तो चाट होती है लेकिन जनाब इस चाट को अलग बनाता है इसके परोसने का तरीका, जो अपने आप में ही बेहद अनोखा है। आलू के लच्छों से निर्मित यह टोकरीनुमा चाट छोले, मसालों, दही और तमाम प्रकार की चटनियों के साथ परोसा जाता है। इसका स्वाद लोगों को स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक लोगों के भी दिल और दिमाग में छा जाता है।

समय: सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक।


शर्मा जी की चाय

शर्मा जी की चाय जिंदगी की हर टेंशन को यूँ भगायें। जी हां सारे शहर में अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध शर्मा जी को चाय लालबाग / हज़रातगंज में स्थित है।

समय: सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक।


नेतराम अजय कुमार की कचौड़ी

लखनऊ के अमीनाबाद में स्थित नेतराम अजय कुमार मिठाइयों और कचौड़ी ने काफी प्रसिद्ध है।यहाँ शुद्ध देशी घी में निर्मित कचौड़ी को आलू की स्वादिष्ट सब्जी के साथ खाया जाता है। कचौड़ी के अलावा इनके वहां मिलने वाली वेजीटेरियन भोजन की थाली भी लोगों में काफी लोकप्रिय है।

समय: सुबह 7:30 बजे से रात 10 बजे तक।


शुक्ला चाट हाउस

लखनवी लोग चाट के बेहद शौक़ीन होते हैं। हजरतगंज में स्थित शुक्ला चाट सन् 1968 से लगातार पूरे शहर को यह अपनी स्वादिष्ट चाट खिलाते आ रहे हैं। यहाँ की आलू टिक्की और मटर टिक्की से लेकर दही बड़े और पानी पूरी तक ने लोगों को ऐसा दीवाना बनाया की इनके यहाँ लोगों का हुजूम लगा ही रहता है।

समय: शाम 3 बजे से रात 10:30 बजे तक।


चौक की निमिष या मक्खन मलाई

लखनऊ की गलियों में अक्सर सर्दियों में मक्खन मलाई ध्वनि कानों आपके कानों में में गूंज पड़ती है। वो कहते हैं ना when you live in lucknow eat like nawab तो जी स्वादिष्ट किस्म की मक्खन मलाई का स्वाद लेने के लिए चौक चौराहे से बेहतर जगह कोई नहीं है।

समय: सर्दियों में सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक।


राम आसरे की मलाई गिलौरी

मलाई गिलौरी एक किस्म की मिठाई है, जिसकी ऊपरी सतह पर मलाई की परत होती है। इसके अंदर ड्राई फ्रूट आदि का मिश्रण होता है। कुछ लोग इसे मलाई पान भी कहते है क्योंकि यह पान की तरह त्रिभुज आकार में ही होता है।स्वाद में ये आपको दूसरे लेवल पर ही ले जायेगी। यह दुकान चौक और हजरतगंज इलाके में भी है।

समय: सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक।


अब बात कर लेते हैं लखनऊ में मांसाहारी पकवान या खाने की चीज़ों या जगह के बारे में

टुंडे के कबाब

"अरे जनाब! लखनऊ आए और टुंडे के कबाब नहीं चखे तो क्या खाक लखनऊ आए!" कुछ ऐसा ही आलम है इस जगह की। जी हाँ पिछले 115 सालों से ये नाम सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में अपने स्वाद के कारण प्रसिद्धि हासिल कर चुके है। आज आलम यह है कि चाहे नेता हो या अभिनेता, कोई गायक हो या पर्यटक, लखनऊ में आने के बाद बिना टुंडे के कबाब चखे वापस नहीं जाता। बता दें कि इसकी शुरुआत नवाबों के समय में हुई थी कहते है आज भी वही स्वाद की विरासत हुबहू बरकरार है।


इसकी लोकप्रियता का अनुमान आप लगाइये कि सन् 1905 में चौक इलाके में एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ टुंडे कबाबी के लखनऊ में आज कुल 8 आउटलेट्स है। यह चौक, अमीनाबाद, कपूरथला, आलमबाग, कानपुर रोड, तेलीबाग, रहीमनगर और सहारागंज मॉल में भी स्थित है। टुंडे के कबाब के दीवानों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। उल्लेखनीय है कि इनके कबाब में कुल 160 तरह के मसाले पड़ते है, पर इनका नुस्खा आज तक राज ही है। यहां मिलने वाले के गलावटी कबाब और सीक कबाब लोगों में काफी लोकप्रिय हैं।

समय: सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक।


वाहिद की बिरयानी

लखनवी बिरयानी का नाम आते ही जुबान पर वाहिद बिरयानी का ही नाम सबसे पहले आता है। सन् 1955 में महज एक दुकान मात्र से शुरू हुआ वाहिद बिरयानी आज कामयाबी और प्रसिद्धि के आसमान पर है।

समय: सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक।


इदरीस की बिरयानी

लखनऊ के नक्खास इलाके में स्थित इनकी दुकान देखने में भले ही एक सामान्य दुकान लगे लेकिन इनके बिरयानी के स्वाद के आगे सब कुछ फीका पड़ जाता है। इसकी प्रसिद्धि का आलम यह है कि ना यहाँ बैठने की सही से जगह है और ना ही बहुत ज्यादा साफ़ -सफाई फिर लोगो का हुजूम यहाँ पर टुटा ही रहता है। ज्यादातर लोग यहाँ पैक करा के ले जाना ही उचित समझते हैं। आप भी इनके लजीज स्वाद से खुद को अछूता नहीं रख सकते, क्योंकि जब बिरयानी बनती है तो केसर, केवड़े, गुलाबजल, चावल, और मसालों की खुशबू आपको इससे बांधकर रखती है।

समय: सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक।


रहीम की कुलचा निहारी

चौक इलाके के अकबरी गेट के निकट स्थित नल्ला निहारी के लिए रहीम चाचा मशहूर हैं। लगभग 120 साल से इनकी निहारी लोकप्रियता के साथ - साथ स्वाद के मामले में भी लोगों को अपना दीवाना बनाये हुए है। बता दें कि निहारी एक प्रकार का रसेदार मीट होता है जो कुलचे के साथ परोसा जाता है। दोनों का मिश्रण लोगों की अद्भुत स्वाद की अनुभूति देता है।

समय: सुबह 8:30 बजे से रात 10 बजे तक।


लल्ला बिरयानी

चौक इलाके में स्थित लल्ला बिरयानी का स्वाद लोगों के सर चढ़ कर बोलता है। पिछले 32 सालों से लल्ला बिरयानी ने लोगों को अपने लजीज जायके से दीवाना बना रखा है। यहाँ पारंपरिक तरीके से बासमती चावल और मसालों से निर्मित दम स्टाइल वाली बिरयानी मिलती है जिसके दीवानों की लिस्ट बहुत लम्बी है।

समय: शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक।


दस्तरख्वान

अगर किसी को लखनऊ में खाने की चीज़ें और जगहों में किसी ऐसे स्थान की तलाश में है, जहां आप मुगलई व्यंजन का स्वाद ले सकें तो बेशक दस्तरख्वान आइए। मांसाहारी लोगों की यह पसंदीदा जगह है। यहां परोसे जाने वाली कुछ व्यंजन गलावटी कबाब, मटन रोगन जोश, बिरयानी, शमी कबाब, बोटी कबाब, शीरमल आदि हैं। एक ऐसी जगह जहा आप अपने परिवार के साथ सुकून से बैठ कर जायकों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ की हर डिश पर आपके मुँह से तारीफ़ ही निकलती है। हालाँकि इनकी लखनऊ में कई आउटलेट्स मौजूद हैं, पर सबसे मुख्य और पुराना आउटलेट इनका लालबाग में स्थित है।

समय: दोपहर 12:30 बजे से रात 10:30 बजे तक।

इसके अलावा भी लखनऊ के कुछ अन्य मशहूर व्यंजन

  • पंडित राजा की ठंडाई
  • अजहर भाई का पान
  • पत्रकारपुरम का परदेशी पानी पुरी/ गोलगप्पे
  • काली गाजर का हलवा और कश्मीरी चाय
  • रत्तीलाल का खस्ता
  • बाजपेई कचौड़ी भंडार
  • जीपीओ के दहीबड़े

वैसे अगर सच कहा जाए तो लखनऊ में मौजूद जायकों को ऐसे आसानी से एक जगह नहीं लिखा जा सकता है बल्कि ये एक सफर है। सफर जायकों का। जी हाँ अवध के लाज़वाब जायकों का ये सफर यूँ चलता रहेगा। तब तक" आप खाइये और मुस्कुराइए क्योंकि आप लखनऊ में हैं"।

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