किसान बोला मोदी रुला रहे खून के आंसू, कृषि कानून के विरोध में उठाया ये कदम
अमरपाल ने अपनी 10 बीघा गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया और कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होता मैं अपनी फसल को ऐसे ही नष्ट करता रहूंगा। लोगों ने अमरपाल को बहुत रोकने का प्रयास किया लेकिन अमरपाल तब तक अपनी गेहूं की फसल को नष्ट कर चुका था।
शामली: कृषि कानून बिल के विरोध को लेकर शामली के एक किसान ने गुस्से में आकर अपनी 10 बीघा अपनी गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया है। किसान का कहना है हमने अपने अजीत सिंह को हराया है लेकिन हमने बहुत बड़ी गलती की थी पर अब आगे से ऐसी गलती नहीं होगी क्योंकि मोदी हमें खून के आंसू रुला रहे हैं। अगर कृषि कानून बिल वापस नहीं होता है तो हम अपने बच्चों के साथ जहर खा लेंगे और मर जाएंगे मौके पर मौजूद अन्य किसानों ने उसे समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन अमरपाल ने अपनी फसल को नष्ट कर दिया।
गेहूं की फसल को किया नष्ट
मामला जनपद शामली के रेलपार का है, जहां पर एक किसान ने अपनी 10 बीघा फसल पर ट्रैक्टर चलाकर गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया है। अमरपाल किसान अपने खेतों पर ट्रैक्टर लेकर पहुंचा और अपनी गेहूं की फसल को नष्ट करना शुरू कर दिया। जिसकी सूचना पाकर भारतीय किसान यूनियन के कुछ नेता आसपास के लोग अमरपाल के खेत में पहुंचे और उसको फसल नष्ट करने से रोका लेकिन अमरपाल नहीं रोका।
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अमरपाल ने अपनी 10 बीघा गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया और कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होता मैं अपनी फसल को ऐसे ही नष्ट करता रहूंगा। लोगों ने अमरपाल को बहुत रोकने का प्रयास किया लेकिन अमरपाल तब तक अपनी गेहूं की फसल को नष्ट कर चुका था। किसान का कहना हम दुखी होकर फसल को नष्ट कर रहे हैं तीन बिलों को लेकर हम बहुत दुखी हैं।
किसान जब दुखी होगा, तो फसल बर्बाद ही करेगा
उन्होंने कहा कि महंगाई इस कदर बढ़ गई है। डीजल पेट्रोल कितना महंगा हो गया। सारा कुछ किसान पर ही पड़ता है। सरकार एमएसपी पर कोई कानून नहीं बन रहा। उन्होंने कहा पेट्रोल डीजल के दाम कितने महंगे हो चले हैं। डीजल से बहुत प्रभावित हुए। घर के लालन-पालन के लिए कहीं से पैसा थोड़ा नहीं आ रहा है जब किसान दुखी होगा तभी तो अपनी फसल बर्बाद करेगा।
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हम जहर खा लेंगे
उन्होंने कहा जैसे दुनिया मांग कर खा रही है ऐसे हम भी मांग कर खा लेंगे। किसान के पास कुछ नहीं रहा। अमरपाल ने रो-रोकर बताया बच्चों का हम क्या करें। अपने बच्चों को हम जहर देंगे और अपने भी जहर खाएंगे और बच्चों को भी देंगे जब हमारी फसल बर्बाद होने लग रही हैं। एमएसपी पर हमारा कोई कानून नहीं बन रहा है। हमारा फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है।
गन्ने का पेमेंट नहीं मिल रहा है। साल भर से गन्ने का पेमेंट नहीं मिला है आधे से ज्यादा साल जालिया इस बार भी गन्ने का पेमेंट नहीं मिला है। अमरपाल ने कहा जो हमारा नुकसान करेगा हम उसका नुकसान आने वाले चुनाव में करेंगे और हमें बहुत बड़ा पछतावा है कि हमने अपने अजीत सिंह को हराया था। हमारे कोई सुनने वाला नहीं है।
2022 के चुनाव में भुगतना होगा खामियाजा
बीजेपी सरकार को हमने इसलिए वोट दिया था कि हम किसानों की आय दुगनी कर देंगे। लेकिन हमारी आय तो उससे भी आधी हो गई और हमारे पास कुछ नहीं बचा है जो कोई हमारा सिर फोड़ देगा हम उसे वोट कहां दे देंगे आने वाले 2022 के चुनाव में इन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
किसान जगमेर का कहना है कि मिलता तो कुछ नहीं है बीजेपी ने काले कानून लाकर रख दिया यह वापस क्यों नहीं लेते और हमने अजीत सिंह जैसे नेता को जो हमारा नेता था मोदी के ऊपर हमने उसको भी हरा दिया था यह दिन हमारे खुशी के लाएगा यह दुखदाई दिन देखने को मिल रहे हैं मोदी सरकार में यह दसवीं के फसल हमने नष्ट कर दी है अपने जो के फसल रख लेंगे बाकी नष्ट कर देंगे लेकिन फसल सरकार को नहीं बेचेंगे।
रिपोर्ट- पंकज प्रजापति
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