मथुरा पहुंचा किसान आंदोलन, सरकार के खिलाफ हुई नारेबाजी, ऐसे जताया गया विरोध

वही किसान पप्पू ने बताया कि अगर सरकार किसानों की बात नहीं मानती है, तो किसान आत्महत्या करने पर भी मजबूर होंगे। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की आग और लगातार बढ़ती जा रही है।

Update: 2021-03-02 06:38 GMT
मथुरा पहुंचा किसान आंदोलन, सरकार के खिलाफ हुई नारेबाजी, ऐसे जताया गया विरोध (PC: social media)

मथुरा: केंद्र सरकार के द्वारा बनाऐ गये तीन कृषि काले कानूनों के खिलाफ लगातार चल रहे किसानों का आंदोलन इस कदर तूल पकड़ता जा रहा है कि किसान जगह-जगह अपनी पकी हुई फसलों को जोत रहे हैं। किसानों में आक्रोश है कि सरकार के द्वारा लगातार पेट्रोल डीजल के साथ-साथ फसलों में लगने वाली लागत ज्यादा है और बाजार में तब फसल को बेचने जाते हैं, उसका मूल्य कम मिलता है, इसीलिए किसानों के द्वारा अपनी खड़ी हुई फसल को जोत रहे है।

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किसान पप्पू ने बताया कि अगर सरकार किसानों की बात नहीं मानती है

वही किसान पप्पू ने बताया कि अगर सरकार किसानों की बात नहीं मानती है, तो किसान आत्महत्या करने पर भी मजबूर होंगे। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की आग और लगातार बढ़ती जा रही है। हर जगह पंचायतें हो रही है कि किस तरह सरकार के द्वारा जो बिल पारित किए हैं, उन्हें किस तरह सरकार पर दबाव बनाकर रद्द कराया जाए। विरोध में देश में जगह-जगह अपनी खड़ी फसलों को किसान जोत रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद मथुरा के तहसील छाता के गांव उमराया में सामने आया है। जहां पर किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ में विरोध करते हुए अपने खड़ी हुई गेहूं की फसल को जोतना शुरू कर दिया है।

सरकार अपनी मनमानी करती जा रही है

तब इस संबंध में किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि सरकार अपनी मनमानी करती जा रही है। किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है लेकिन उनकी फसल का मूल्य नहीं मिल पाता है। खेत में इतनी की फसल नहीं होती जितना उसमें खर्चा आ जाता है और सरकार लगातार डीजल को भी बढ़ाती जा रही है। इसका असर भी किसानों पर पड़ेगा अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है। तो हम आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे क्योंकि किसान कब तक कर्ज में डूबता जा रहा है। किसान राजाराम ने कहा कि सरकार द्वारा हमारे खेती में काम आने वाले यूरिया खाद को भी महंगा कर दिया है। जिसकी वजह से हम अब अपनी फसल में कुछ भी नहीं बचा सकते जितने की फसल होती है उससे ज्यादा तो खर्च हो जाता है।

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SDM हनुमान प्रसाद मौर्य ने बताया

उधर इस संबंध में उपजिलाधिकारी छाता हनुमान प्रसाद मौर्य से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया है अगर आता है तो हम सभी किसान भाइयों से अनुरोध करते हैं कि वह इस तरह का काम ना करें फसल को ना जोते उनकी जो भी मांगे हैं उन्हें लिखित रूप में दें हम उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाने में उनकी मदद करेंगे। फसल जोतने की खबर मिलते ही तहसीलदार विवेक सिंह यादव ने राजस्व विभाग के कानूनगो और लेखपाल को गांव उमराया भेजा और जांच कराने के लिए आदेश पारित किए ।

रिपोर्ट- नितिन कुमार

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