जाट वोटरों को लुभाने की कोशिश में BJP, किसानों ने जमकर की नारेबाजी

किसानों के विरोध प्रदर्शन ने साफ कर दिया कि बीजेपी के लिए इस बार पंचायत चुनाव की राह आसान नहीं होगी। जिले के गाँव भैंसवाल में सैकड़ों किसानों ने भाजपा नेताओं के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए और भारी विरोध किया।

Update:2021-02-22 14:41 IST
जानकारी के मुताबिक लक्खा सिधाना पंजाब में बिखर रहे किसान संगठनों पर अब तक कई वीडियो जारी कर चुका है। जिसमें वह अपनी अपनी राय रख चुका है।

नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के प्रति किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वहींं दूसरी ओर विरोध को सुलझाने के लिए किसान व सरकार के बीच वार्ता भी ठप पड़ी हुई है। इस बीच यूपी में पंचायत चुनाव (Panchayat elections) भी शुरू होने वाले है, जिसे लेकर भाजपा ने अपनी कमर कस ली है।

जाट मतदाताओं को रिझाने की कोशिश

भाजपा जिला पंचायत चुनाव में एक बार फिर जाट मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस बीच किसानों के बढ़ते गुस्से का नजारा उत्तर प्रदेश के शामली जिले के भैंसवाल गांव में देखने को मिला। यहां पर नए कृषि कानूनों के फायदे बताने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को रविवार को शामली में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। यहां संजीव बालियान और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

किसानों का भाजपा के प्रति विरोध

किसानों के विरोध प्रदर्शन ने साफ कर दिया कि बीजेपी के लिए इस बार पंचायत चुनाव की राह आसान नहीं होगी। जिले के गाँव भैंसवाल में सैकड़ों किसानों ने भाजपा नेताओं के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए और भारी विरोध किया। इस विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने हा कि चंद लोगों के विरोध की वजह से उनका अभियान रुकने वाला नहीं है।



किसान एकता ज़िंदाबाद के लगे नारे

शामली में रविवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के पंचायत राज्य मंत्री भूपेंद्र चौधरी और क्षेत्रीय विधायक खाप चौधरियों व किसानों के बीच पहुंचे। इस दौरान नेता जिले में सबसे पहले गांव लिसाड़ में पहुंचे। हालांकि किसानों ने भाजपा नेताओं को खूब खरी-खोटी सुनाई। किसानों ने बालियान मुर्दाबाद और 'किसान एकता ज़िंदाबाद' के नारे लगाए।

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कृषि कानून निरस्त करना चाहिए

यही नहीं, गांवों के बाहर लगे साइन बोर्ड लगाए गए कि भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद, बीजेपी वालों का इस गांव में आना सख्‍त मना है। इससे किसानों का बीजेपी के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है। बता दें कि जिले में सबसे पहले गांव लिसाड़ में बाबा हरिकिशन से मुलाकात हुई थी। हरिकिशन ने कहा कि हमने बालियान और भूपेंद्र चौधरी को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि केंद्र को कृषि कानून निरस्त करना चाहिए।

इसेक साथ ही हमने उन्हें यह भी बताया कि पिछले सीजन में भी गन्ना किसानों को उनके बकाए का भुगतान नहीं किया गया था। हालांकि बालियान ने यह भी कहा कि गांव में उनका किसी भी तरह का बहिष्‍कार नहीं किया गया है। हमने लोगों को आश्वासन दिया है कि हम प्रधानमंत्री मोदी को उनकी शिकायतों पहुंचाने की हर संभव कोशिश करेंगे।

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