महोत्सव का मतलब केवल बॉलीवुड कलाकारों को बुलाना ही नहीं, और भी है बहुत कुछ...

Update:2019-01-13 18:19 IST
फ़ाइल फोटो

गोरखपुर: गोरखपुर विश्वविद्यालय के क्रीडा संकुल स्थल पर आयोजित तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विशिष्ठ अतिथि के तौर पर पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने संबोधन कहा की दो दिन से गोरखपुर महोत्सव का आनंद ले रहे है आप लोग।

यह महोत्सव लोक परंपरा और संस्कृति के उद्देश्य के साथ प्रभावित रहा होगा। लोक कला और संस्कृति से जुड़ा ऐसा महोत्सव अन्य जिलों में भी हो ऐसा प्रयास है। दो वर्ष से गोरखपुर महोत्सव इसी रूप में आगे बढ़ रहा है।

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अक्सर महोत्सव का मतलब बॉलीवुड और अन्य कलाकारों को बुलाकर मान लिया जाता था। लेकिन, हमने कला और संस्कृति के साथ छात्रों को प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया है। आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण होगा। 21 जून 2016 को योग परंपरा का ये उत्सव शुरू हुआ तो आज दुनिया के 172 देश इससे जुड़े। गोरखनाथ की योग नगरी के लिए ये महत्वपूर्ण है। कुम्भ में भी ऐसा नहीं है, कि सभी सुविधा सरकार दे रही है।

यही तो भारत की संस्कृति और पहचान है। लोग इसको आगे नहीं बढ़ने देना चाहते थे। डेढ़ से दो वर्षों में यूपी पर्यटन में 18 से दूसरे नंबर पर आ गया है। राम की नगरी अयोध्या में, कृष्ण की नगरी मथुरा यूपी में है। जिसे दिखने दूर दराज से लोग बड़ी संख्या में आ रहे है।

प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होता है। इसे पूरे विश्व और यूनेस्को ने स्वीकार किया है। प्रोत्साहन का अभाव था। लेकिन हमने प्रयास प्रारंभ किये हैं। डेढ़ वर्ष के अंदर 15 फ्लाईओवर और अंडरपास हमने बनाए हैं।

अक्षयवट को 450 वर्षों के श्रद्धालुओं को भी वंचित रखा गया था। हमने किले में इसे लोगों के लिए खोला है। कुम्भ का क्षेत्रफल 1700 से 3200 किया गया है। 6 लाख गांव के हर मत-धर्म से जुड़े शंकराचार्य वहां पर आ रहे हैं। 175 देशों के डेलीगेट्स ने अपने पताका को कुम्भ में लगाया है।

गोरखपुर महोत्सव की तरह देश के सांस्कृति कर्मियों को कुम्भ में मौका दिया गया है। सफाई और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। एक जगह से बैठकर अराजकता और अव्यवस्था से निपटने के इंतजाम किए गए हैं। ताकि दुनिया के सामने यहां की संस्कृति और लोक कला को प्रस्तुत कर सकें।

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योगी ने कहा की एक ट्वायलेट बनाने का कार्यक्रम केवल गरीब को देने के लिए सरकार बहुत खर्च कर रहे हैं। लेकिन, इसके पीछे महिलाओं का सम्मान और स्वास्थ्य से जुड़े उद्देश्य भी हैं। हमारे कस्बे, जनपद और प्रदेश की सफाई को लेकर हमारी बहुत खराब छवि है। हम कूड़े को खुद पैकेट में करके नालियों में फेंक देते हैं। लेकिन, हमें जागरूक होना होगा।

अगर हम शासन की योजना को लोगों तक पहुंचाए तो उन्हें इसका लाभ मिलेगा। पीएम आवास योजना इसका उदहारण है।14 लाख लोगों को ये सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। गरीबों के लिए तमाम योजनाएं हैं। जिस गरीब ने बिजली नहीं देखी उन्हें इस योजना के बारे में बताएंगे तो उससे बड़ा उपहार उसके लिए दूसरा नहीं होगा। कल यहीं पर वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट और रोजगार मेला का उद्घाटन करेंगे।

महोत्सव में आमजन और हर वर्ग की भागीदारी इस प्रकार के कार्यक्रम से जुड़ना होगा। 2000 करोड़ का लोन रोजगार के लिए बेरोजगारों को देने जा रहे हैं। ये बहुत बड़ी रकम है। इस पर अनुदान भी मिलेगा।

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