डीडीयू के वीसी प्रो. राजेश की बढ़ीं मुश्किलें, FIR दर्ज करने का आदेश, जानें पूरा मामला
प्रो. राजेश सिंह ने 2006 में बीएचयू में बतौर प्रोफेसर ज्वाइन किया। बीएचयू में डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंट सहित विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहे। उनके निर्देशन में 60 से अधिक विद्यार्थी शोध कर चुके हैं।
लखनऊ: पूर्णिया के पूर्व कुलपति एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय(डीडीयू) वर्तमान कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ वित्तीय अनियमितता को लेकर एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी हो गया है।
प्रो. राजेश लोकायुक्त बिहार द्वारा कराई गई विजलेंस जांच में धन उगाही और वित्तीय अनियमितता के दोषी पाए गए हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सितम्बर 2020 में पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया, बिहार के कुलपति प्रो. राजेश सिंह को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था।
प्रो. राजेश सिंह की कुलपति पद पर नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि तक है।
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प्रो.राजेश सिंह के बारें में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
प्रो.राजेश सिंह मूल रूप से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर हैं। वह 2006 में यहां आए थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा हरियाणा के हिसार से हुई। एमएससी जेनेटिक्स करने के बाद बतौर वैज्ञानिक उन्होंने हैदराबाद से अपने कॅरियर की शुरुआत की।
गोविन्द बल्लभ पंत विवि पंतनगर में असिस्टेंट प्रोफेसर बने। वह आईसीएआर के दो इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ वैज्ञानिक रहे। 2006 में बीएचयू में बतौर प्रोफेसर उन्होंने ज्वाइन किया।
वह बीएचयू में डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंट सहित विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहे। उनके निर्देशन में 60 से अधिक विद्यार्थी शोध कर चुके हैं। उनके 250 से ज्यादा शोध प्रकाशित हैं। चावल और मक्के पर उन्होंने काफी रिसर्च किया है।
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