Firozabad News: एक ही चिता पर छह लोगों का अंतिम संस्कार, हर आँख हुई नम
Firozabad: फर्नीचर हाउस के तीन मंजिला शोरूम में आग में मरने वाले सभी लोगों के शवों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर कर दिया गया।
Firozabad News: फिरोजाबाद के पाढम कस्बे में मंगलवार की रात रमन फर्नीचर हाउस के तीन मंजिला शोरूम में आग लग गई थी। रमन और उसके भाई का नौ सदस्यों का परिवार दुकान की ही तीसरे मंजिल पर बने अपने आवास में रहता था। बताया जाता है कि आग शार्ट सर्किट से लगी जिस कारण फॉम के गद्दे व अत्यंत ज्वलनशील होने के कारण आग फैलती चली गई और ऊपर तक चली गई, जहां पर एक ही परिवार के मनोज पुत्र रमन 35 वर्ष, नीरज पत्नी मनोज 33 वर्ष, भारत पुत्र मनोज 15 वर्ष, हर्षवर्धन पुत्र मनोज 12 वर्ष, तेजस्वी पुत्र नितिन 6 वर्ष, शिवानी 23 वर्ष आग में घिर गए और उन्होंने वहीं पर दम तोड़ दिया।
आगजनी में 3 साल की बच्ची की बच गई थी जान
रमन अपने पुत्र नितिन के साथ एक शादी समारोह में गांव इमलिया गया था और पीछे ये घटना घट गई। रमन और उसके पुत्र के घर से बाहर होने के कारण ही उसकी जान बच गई। वहीं एक 3 साल की बच्ची उन्नति वह उस समय दुकान के अंदरूनी हिस्से में थी लेकिन डर की वजह से उन्नति एक कोने में छिप गई लेकिन तब तक आग ने विकराल रूप नहीं लिया था लोगों ने यहीं से उन्नति को निकाल लिया। हल्की जख्मी उन्नति तक आग नहीं पहुंच पाई और उन्नति की जान बच गई।
सभी शवों का एक ही चिता पर किया गया अंतिम संस्कार
इलाके के लोगों की मानें तो दमकल की गाड़ी देरी से पहुंची और गाड़ी में पर्याप्त पानी नहीं था यदि पहली गाड़ी में प्रेशर ठीक होता और सही समय पर पहुंच गई होती तो आग पर जल्द काबू पाया जा सकता था। बुधवार को पाढम कस्बे में ही सभी शवों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर कर दिया गया। पूरा इलाका गमगीन था। जिधर भी देखो रोने और चीखने की आवाज सुनाई दे रही थी।
इस मामले में मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
रमन की स्थिति यह है कि वह कई बार बेहोश हो जाता है। फिलहाल मुख्यमंत्री की तरफ से संज्ञान लिया गया है। सरकार की तरफ से प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो ₹ 2 लाख की घोषणा कर दी गई है। शोभित माहेश्वरी, पड़ोसी ने कहा कि जितने भी लोग उस समय घर पर थे। छह के छह लोग अंदर ही रह गए। घटना के समय बिजली का एक फॉल्ट हुआ था जिससे आग लग गई। यह इलेक्ट्रिक और फर्नीचर का शोरूम है। इनके आवास के नीचे की दो मंजिल में सामान रहता है। बच्ची कोने में दुबक गई थी इसलिए बच गई, रमन अपने लड़के के साथ दावत खाने बाहर चला गया था इसलिए बचा। अगर दमकल की गाड़ी समय पर आ जाती और आपको जल्दी काबू पा लिया जाता तो और जानें बच सकती थी।
फायर ब्रिगेड की गाड़ी में पानी होता तो बचाई जा सकती थीं जाने; स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासी संतोष कुमार यादव का कहना है बिजली के शार्ट सर्किट से 6:45 पर जैसे ही लाइट आई है। कोई चिंगारी निकली है। फायर ब्रिगेड की गाड़ी काफी देरी में आई। पहली गाड़ी आई तो उसमें प्रेशर नहीं था। दूसरी गाड़ी में भी पानी नहीं था। अगर पहले से गाड़ी में पानी होता तो यह जाने बचाई भी जा सकती थीं।