UP News: फिरोजाबाद जनपद का नाम अब चंद्रनगर, प्रस्ताव पास

UP News: उत्तर प्रदेश के एक और जनपद का नाम बदलने का ऐलान हो गया है। अलीगढ़ के बाद अब सुहागनगरी फिरोजाबाद जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

Update: 2023-12-01 07:31 GMT

फिरोजाबाद जिले का नाम चंद्रनगर करने का ऐलान (न्यूजट्रैक)

UP News: उत्तर प्रदेश के एक और जनपद का नाम बदलने का ऐलान हो गया है। अलीगढ़ जनपद के बाद अब सुहागनगरी के नाम से मशहूर फिरोजाबाद जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया है। फिरोजाबाद जनपद का नाम अब चंद्रनगर करने की घोषणा की गई है। फिरोजाबाद नगर निगम में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है। इससे पहले अलीगढ़ जनपद का नाम बदलकर हरिगढ़ करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया था। सुहागनगरी और चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्रनगर करने का प्रस्ताव गुरुवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में पास हो गया। यह प्रस्ताव 2 साल पहले जिला पंचायत की बैठक में भी पारित हुआ था। 

निगम कार्य समिति की बैठक बृहस्पतिवार को जीवाराम हॉल में हुई। निर्धारित समयावधि 11 बजे से करीब आधा घंटा देरी से शुरू हुई कार्यसमिति की बैठक में रखे गए 17 में से भवन कर संशोधन संबंधी एक प्रस्ताव खारिज हो गया। निगम कार्यकारिणी की बैठक में शहर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा कर प्रस्तावों को पास किया गया। इसमें महत्वपूर्ण बात यह थी कि दो साल पहले जिला पंचायत में फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर के नाम से पास होने के बाद अब नगर निगम में भी फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर करने पर हरी झंडी दे दी गई। नाम परिवर्तन के विरोध में 12 में से कार्यकारिणी के सदस्य सपा के पार्षद रेहान ने इसका विरोध किया। शहर द्वारा पारित इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए यूपी सरकार को भेजा जाएगा। शासन से मंजूरी मिलते ही फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर कर दिया जाएगा।

फिरोजाबाद जनपद का इतिहास

भगवान कृष्ण के बाबा तीन भाई थे सूर्यसैन बटेश्वर के राजा चंद्रसैन चंद्रवार के राजा रायसैन रायपुरी (रपड़ी )के राजा थे लेकिन कुछ समय से कई परिवर्तन हुए अब जैन समाज अलग इतिहास बताते है वो सूर्यसैन और चंद्र सैन को जैन समाज के राजा मानते हैं। फिरोजाबाद के बारे में शहर के विद्वान अनूप चंद जैन बताते हैं कि 1566 ई में फिरोजाबाद में राजा चंद्रसेन की रियासत थी और उस जगह को चंद्रनगर कहा जाता है। मुगल शासन से पहले फिरोजाबाद में राजा चंद्रसेन की रियासत थी. जहां राजा चंद्रसेन अपने महल में बैठकर प्रजा की समस्या सुनते थे और उनका समाधान करते थे।

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