Firozabad News: मतदान के बाद नफा-नुकसान के आंकलन में जुटी पार्टियां

Firozabad News: तीसरे चरण में मतदान होने के बाद सभी पार्टियों के समर्थक अपने पक्ष में पड़े वोटों की गिनती में लगे हैं। सपा और भाजपा समर्थक अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।

Report :  Brajesh Rathore
Update: 2024-05-09 12:15 GMT

Firozabad News (Pic: Social Media)

Firozabad News: फिरोजाबाद में तीसरे चरण का मतदान होने के बाद पार्टी के प्रत्याशी व उनके समर्थक अब अपने अपने हार जीत के गणित को लगाने में जुट गए हैं ।किस जाति के किसको वोट मिला है किस को नहीं मिला इसका आंकलन भी कर रहे हैं । जहां भाजपा सपा में सीधी टक्कर दिखाई दे रही है वहीं बसपा के कैंडिडेट पूर्व मंत्री चौधरी बशीर ने तो वीडियो वायरल करके मतगणना से पहले ही खुद की हार मान ली है।

भाजपा व सपा समर्थक कर रहे जीत का दावा

मतदान के बाद सपा के समर्थक अपने बड़े वोट बैंक के सहारे और अन्य जातियों के समर्थन का दावा करते हुए अपनी जीत सुनिश्चित मान कर चल रहे हैं। सपा समर्थकों का मानना है कि यादव मुस्लिम के साथ दलित व अन्य जातियों का उनके पक्ष में बड़ी तादात में वोट पड़ा है । जिससे वह अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। फ़िरोज़ाबाद लोकसभा क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवको की टोली प्रचार में नही उतरी। भाजपा के समर्थन में प्रचार करने वाले स्वयंसेवक इस बार भाजपा प्रत्याशी के साथ नजर नहीं आए।

राष्ट्रवाद के नाम पर मिले वोट

भाजपा समर्थक प्रधानमंत्री मोदी के नाम का और राम के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगने की बात कर रहे हैं। भाजपा के लोग मान कर चल रहे हैं कि हर जाति वर्ग से भाजपा को वोट मिला है। जिसमें सामान्य जातियों में ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य वोट के साथ लोधी, निषाद व बघेल वोट के सहारे अपनी जीत का दंभ भर रहे हैं। हालांकि इसका 4 जून को परिणाम आएगा। 

भाजपा प्रत्याशी को नहीं मिला प्रचार का भी समय

भाजपा को सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी और उनके राष्ट्रवाद के नाम पर ही वोट पड़ा है। भाजपा प्रत्याशी ने क्षेत्र में उस तरह से जनसंपर्क और भ्रमण नहीं किया। उसके लिए पार्टी द्वारा देरी से अपने उम्मीदवार की घोषणा करना भी एक वजह रही है। जहां सपा प्रत्याशी पिछले 6 माह से क्षेत्र में भ्रमण करने में जुटे थे। गाँव गाँव जाकर वोट की अपील कर चुके थे। वहीं भाजपा ने नामांकन के दौरान ही प्रत्याशी घोषित किया। इस वजह से भाजपा के प्रत्याशी विश्वदीप सिंह को उतना समय नही मिल पाया। उसके साथ ही प्रत्याशी द्वारा लोकसभा के चुनाव को इतनी गंभीरता से नहीं लिया जितना इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी एवं सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने चुनाव को लिया। प्रोफेसर और उनके पुत्र अक्षय यादव ने चुनाव से छह माह पहले ही पूरे जिले के प्रत्येक गांव और घर में अपनी दस्तक देदी थी।

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