लखनऊ: केन्द्र सरकार ने यूपी के किसी भी शहर को स्मार्ट सिटी होने लायक नहीं माना जबकि इस राज्य से पीएम,होम और डिफेंस मिनिस्टर भी आते हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी वाराणसी,होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह लखनऊ और डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पार्रिकर भी लखनऊ से राज्यसभा में हैं। राज्य सरकार से मिले प्रजेंटेशन में कमी के कारण केन्द्र सरकार ने यूपी के किसी शहर को पहले चरण मे घोषित बीस शहरों मे स्मार्ट सिटी होने लायक नहीं माना।
स्मार्ट सिटी में यूपी का ये है हाल
-राजधानी लखनऊ 29वें तो मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी सबसे नीचे 96वें पायदान पर है।
-स्मार्ट शहर की दौड़ में उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर पहले स्थान पर हैं।
-केंद्र सरकार ने 15 मार्च तक फिर प्रजेंटेशन देने को कहा है।
स्मार्ट सिटी को मिलेगा ये लाभ
-चुने गए शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए केन्द्र सरकार हर साल एक सौ करोड़ रुपए देगी।
-यह राशि लगातार 5 साल तक मिलेगी। अगले दो साल में 40-40 शहरों का चयन होगा।
केंद्र की ये है योजना
-केंद्र की योजना 5 साल में एक सौ शहरों को स्मार्ट बनाने की है।
-स्मार्ट शहर बनाने में फ्रांस भी मदद करेगा।
-केंद्र ने कुल 97 शहरों को स्मार्ट बनाने लिए चुना है।
दूसरी लिस्ट में होंगे ये नाम
- यूपी के लखनऊ,आगरा,कानपुर,अलीगढ़,इलाहाबाद,झांसी,मुरादाबाद,गाजियाबाद,बरेली, रामपुर,सहारनपुर,वाराणसी चुने गए हैं।
- इनमें यूपी के अभी बारह शहर हैं। तेरहवां नाम मेरठ या रायबरेली हो इस पर पेंच बरकरार है।
- सड़कों पर जाम समेत अन्य कारणों के चलते लखनऊ पीछे हुआ है।