Update Sonbhadra: सोनभद्र में हादसों की भेंट चढ़ीं पांच जिंदगी, मचा कोहराम

Update Sonbhadra: जिले के लिए शुक्रवार का दिन काला रहा। इस दिन सुबह से शाम तक अलग-अलग जगहों पर हुई घटनाओं (Road Accident) में एक छात्र सहित पांच की जिंदगी हादसों की भेंट चढ़ गई।;

Update:2022-09-23 18:22 IST

सोनभद्र: हादसों की भेंट चढ़ीं पांच जिंदगी, कहीं रोड एक्सीडेंट तो कहीं डूबने से मौत

Sonbhadra News: जिले के लिए शुक्रवार का दिन काला रहा। इस दिन सुबह से शाम तक अलग-अलग जगहों पर हुई घटनाओं (Road Accident) में एक छात्र सहित पांच की जिंदगी हादसों की भेंट चढ़ गई। हरियाणा के फरीदाबाद से उड़ीसा के लिए जा रहा ट्रक शुक्रवार को चोपन थाना क्षेत्र (Chopan police station area) मारकुंडी घाटी में घुमावदार मोड़ पर अनियंत्रित होकर गहरी खाईं में जा गिरा। इससे उस पर सवार वाहन स्वामी और चालक दोनों की मौत हो गई। मांची थाना क्षेत्र के नगवां बांध और चोपन थाना क्षेत्र के नेटियाडांड़ बंधी की गहराई में छात्र सहित दो समा गए।

वहीं राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक मकान में मजदूरी का काम करने गए 50 वर्षीय अधेड़ की करंट लगने से मौत (electrocution death) हो गई। इसके चलते जहां पूरे दिन कोहराम मचा रहा। वहीं पूरे जिले में हड़कंप की स्थिति बनी रही।

खाईं में गिरी ट्रक, वाहन स्वामी दो की हो गई मौत

पहली घटना मारकुंडी घाटी की है। बताते हैं कि एक ट्रक हरियाणा के फरीदाबाद से मोबिल भरा लगभग 100 ड्रम और कप-प्लेट भरी लगभग 900 पेटी लादकर उड़ीसा के लिए जा रहा था। शुक्रवार को वह जैसे ही मारकुंडी घाटी के तीसरे मोड़ पर पहुंचा, अनियंत्रित होकर सैकड़ों फीट गहरी खाईं मे जा गिरा। इससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस खाईं में नीचे उतरकर दुर्घटना ग्रस्त ट्रक के पास पहुंची, तो देखा कि चालक महबूब अली (56) पुत्र महबूब हुसैन और ट्रक मालिक शरीफ उम्र लगभग (52) पुत्र मो. उमर निवासी शिकारपुर, जिला बुलंदशहर की मौत हो चुकी थी। शव केबिन में दबकर फंसा पड़ा था। वाहन के भी परखच्चे उड़ गए थे।


कड़ी मशक्कत के बाद केबिन तोड़कर किसी तरह दोनों शवों को बाहर निकाला गया। शिनाख्त की प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया। घटना को लेकर मौके पर देर तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही। रहवासियों ने बताया कि गत मंगलवार को भी एक ट्रक यहां अनियंत्रित होकर खाईं मे जा गिरा था। उस हादसे दो ट्रक चालक और एक खलासी घायल हो गए थे।

नगवां बांध की गहराई में समा गया बुजुर्ग

दूसरी घटना मांची थाना क्षेत्र के कजियारी गांव के पास नगवां बांध की है। बताते हैं कि रामदुलारे यादव 70 निवासी पनिकप खुर्द थाना रायपुर अपनी भैंस लेकर कजियारी गए हुए थे। वहां से नौडीहा जाने के लिए वह भैंस को नगवां बांध में उतार दिए और उसकी पूंछ पकडकर बांध पार करने लगे। उसी दौरान भैंस ने डुबकी लगाई तो उसी के साथ रामदुलारे भी पानी में समा गए। भैंस तो निकलकर आगे चली गई लेकिन वह देर तक पानी से बाहर नहीं निकले तो वहां मौजूद दूसरे लोगों को अनहोनी का शक हुआ और उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया।

आस-पास के ग्रामीण वहां पहुंच गए लेकिन बांध में पानी काफी भरा होने और अथाह गहराई के कारण उनकी तलाश के लिए किसी की पानी में उतरने की हिम्मत नहीं हुई। सूचना पाकर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक मांची श्याम बिहारी और चैकी प्रभारी सुअरसोत धर्मेंद्र यादव गोतोखोरों के जरिए, पानी में समाए बुजुर्ग की तलाश में जुटे हुए थे।

तीसरी घटना चोपन थाना के पतगडी स्थित नेटियाडाड़ बंधी की है। बताते हैं कि मुकेश 14 पुत्र बहादुर गोड़ निवासी नेटियाडांड, पतगड़ी स्कूल जाने से पहले, घर से कुछ दूरी पर स्थित नेटियाडाड़ बंधी में नहाने गया हुआ था लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आया तो उसके साथ गए बच्चों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। पहुंचे ग्रामीणों ने पानी में कूदकर उसे बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। वह कक्षा आठ का छात्र था। बताते हैं कि मुकेश और उसके मामा दोनों का घर गांव में ही है। इस समय मुकेश मामा के यहां रह रहा था। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने पंचनामा आदि की कार्रवाई में जुटी हुई थी।


चौथी घटना राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के राबटर्सगंज नगर की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि नगर निवासी धनुषधारी 50 पुत्र बुधिराम एक व्यक्ति के निर्मित हो रहे मकान में मजदूरी के लिए गया हुआ था। उसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौत हो गई।

सिर्फ हो रही टोल वसूली, सड़क सुरक्षा पर जरा भी नहीं ध्यान

पीपीपी मॉडल की तर्ज पर वाराणसी शक्तिनगर मार्ग के हुए निर्माण और उसके बाद उस पर टोल टैक्स वसूली का ठेका एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने के बाद से, हाईवे पर सड़क सुरक्षा की स्थिति भगवान भरोसे हो गई है। मारकुंडी घाटी के दोनों घुमावदार मोड़ हादसा जोन में तब्दील हो गए हैं। बावजूद मोड़ों पर न तो सुरक्षा दीवार को लेकर संजीदकी बरती जा रही है, न ही यहां क्षतिग्रस्त होती सड़कों की तत्काल मरम्मत पर ही कोई ध्यान दिया जाता है। यहीं कारण है, मोड़ घूमते वक्त जरा सी दिक्कत आने पर वाहन अनियंत्रित हो जा रहे हैं। इसको लेकर लोगों में नाराजगी भी देखने को मिलने लगी है।

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