बाढ़ से मचा कहर: यूपी में बढ़ता जा रहा खतरा, अलर्ट हुआ जारी

राहत आयुक्त ने बुधवार को बताया कि बलिया जिलें में सरयू (घाघरा) नदी के दायें तट पर स्थित बकुलहा संसार टोला तटबंध के किमी. 4.125 के मध्य निर्मित टी-स्पर के नोज भाग के अपरस्ट्रीम में स्लोप क्षतिग्रस्त होना सूचित हुआ है।

Update: 2020-08-05 13:16 GMT

लखनऊ। प्रदेश में बाढ़ के पानी ने अब तटबधों का कटाव शुरू कर दिया है। मंगलवार को आजमगढ़ की सगड़ी तहसील में छोटी सरयू नदी के करीब 25 मीटर तटबंध की कटान के बाद अब बुधवार को बलिया में सरयू नदी के दायें तट पर स्थित बकुलहा संसार टोला तटबंध का कटान शुरू हो गया है। हालांकि बाढ़ राहत दल ने इसे भरने का काम शुरू कर दिया है।

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यूपी के 16 जनपदों के 536 गांव बाढ़ से प्रभावित

इधर, राहत आयुक्त संजय गोयल ने बुधवार को बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। सरकार से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में यूपी के 16 जनपदों के 536 गांव बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर, सरयू (घाघरा) नदी-एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

तटबंध की सतत् निगरानी की जा रही

राहत आयुक्त ने बुधवार को बताया कि बलिया जिलें में सरयू (घाघरा) नदी के दायें तट पर स्थित बकुलहा संसार टोला तटबंध के किमी. 4.125 के मध्य निर्मित टी-स्पर के नोज भाग के अपरस्ट्रीम में स्लोप क्षतिग्रस्त होना सूचित हुआ है। कटान को रोकने के लिए तुरंत सीमेंट की खाली बारी में बिक्र रोड़ाभर कर गैवियान रोप में डालकर फ्लट फाईटिंग का कार्य कराया जा रहा है। कटान स्थल पर जीआई वायर क्रेट में बोल्डर डाल कर कटर निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। तटबंध की सतत् निगरानी की जा रही है। वर्तमान में तटबंध सुरक्षित हैं।

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2,728 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी

राहत आयुक्त ने बताया कि 2,728 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 160 बाढ़ शरणालय और 03 जिलों में 36 शरणालयों मंे 3,984 व्यक्ति रह रहे है तथा 657 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में 139 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 05लाख 12 हजार 591 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि पशु के चारे के लिए कुल 415 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जिला व राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन संख्या-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिये निर्देश

गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि नदियों के जलस्तर के सतत् निगरानी रखी जाये तथा आसपास के गांवों में पानी भरने के पूर्व ही मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों तथा बाढ़ शरणालयों में ले जाया जाये। बाढ़ शरणालयों में कोविड-19 के दृष्टिगत समुचित सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन किया जाये तथा भोजन आदि की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। प्रदेश के समस्त बांधों पर निगरानी रखी जाये तथा आवश्यक रिपेयर समाग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये ताकि किसी भी प्रकार की क्षति होने से पूर्व ही उसे रोका जा सके।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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