बलरामपुर में भी बाढ़ का कहर, सैकड़ो गांव का मुख्यालय से टूटा संपर्क, शहर में घुसा पानी

भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से 1,64,000 क्यूसेक छोड़े गए पानी और 15 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जिले में बाढ़ का कहर दिखने लगा है। जिले के सैकड़ों गांव का संपर्क मुख्यालय से कट गया है।

Update: 2017-08-14 09:16 GMT

बलरामपुर : भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से 1,64,000 क्यूसेक छोड़े गए पानी और 15 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जिले में बाढ़ का कहर दिखने लगा है। जिले के सैकड़ों गांव का संपर्क मुख्यालय से कट गया है।

फिलहाल, जिले में बाढ़ के कहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया है और राहत और बचाव का कार्य शुरु हो चुका है।

चपेट में आए गांव और शहर

पड़ोसी राष्ट्र नेपाल द्वारा दो बार में छोड़े गए 164000 क्यूसेक पानी राप्ती नदी होते हुए गांव को अपनी चपेट में ले चुका है। बाढ़ के कहर से ना सिर्फ गांव बल्कि शहर की गलियां भी पानी से लबालब भर गई है। जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है।

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दर्जन गांवों का संपर्क कटा

जिले के तराई क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका कुछ इस कदर है कि कई दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग ही कट गया है। वहीं बात अगर शहरी क्षेत्र की करें तो यहां बलरामपुर से तुलसीपुर जाने वाला मुख्य बौद्ध परिपथ मार्ग भी बाढ़ का दंश झेल रहा है और उस पर यातायात का आवागमन बंद हो चुका है। बलरामपुर गौरा चौराहा मार्ग भी जो बलरामपुर को सिद्धार्थनगर से जोड़ता है उस पर भी यातायात बंद कर दिया गया है।

बाढ़ प्रभावित ये गांव शामिल

बाढ़ प्रभावित गांव में सरदारगढ़, ढोररि, टेगन्हिया मनकोट, फगुइया, गंगाबक्स भागड़, विश्रामपुर, झौहाना, बेलवा सुलतानजोत, जमालिजोत, दुल्हापुर बल्लीपुर, सेमरहना, कलंदरपुर, कटरा शंकरनगर,फत्तेजोत, भीखमपुर, सोनार, गैंजहवा, नेतुवा, गंगापुर बाकी ,जेवनार, सिसई , बेल्हा, पुरवा , गुर्जर पुरवा, गौरी आदि गांव शामिल हैं।

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