UP: पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने सपा के PDA का बताया फुलफॉर्म, बोले – देश में केवल चार जातियां

UP News: बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा रविवार को गोंडा में थे, यहां उन्होंने मीडिया से बात करने के क्रम में सपा के पीडीए अलयांस पर हमला बोला।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-02-05 09:21 IST

Former Deputy CM Dinesh Sharma   (photo: social media )

UP News: पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा अक्सर जिक्र किए जाने वाले ‘PDA’ को नए तरीके से परिभाषित किया है। शर्मा ने विपक्षी इंडिया गठबंधन को ‘ठगबंधन’ करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि इस बार भी चुनावों में सपा के जीतने का कोई चांस नहीं है।

दरअसल, बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा रविवार को गोंडा में थे, यहां उन्होंने मीडिया से बात करने के क्रम में सपा के पीडीए अलयांस पर हमला बोला। शर्मा ने इसे परिभाषित करते हुए बताया कि पीडीए में “पी का मतलब पीड़ित करना, डी का मतलब दगाबाजी करना और ए का मतलब अपराधी को संरक्षण देना है।“

देश में केवल चार जातियां

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय नेतृत्व में देश में इस वक्त केवल चार जातियां हैं, वो हैं – किसान, गरीब, महिलाएं एवं युवा। सपा का आम चुनावों में जीतने का कोई चांस नहीं है क्योंकि देश में मोदी की लहर चल रही है। यह राम राज्य की लहर है। विपक्ष निराश और उदास है, इसलिए ठगबंधन कर रहा है।

क्या है सपा का PDA ?

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने PDA नामक एक नया समीकरण इजाद किया है। इसे उनके परंपरागत मुस्लिम-यादव (एमवाई) का विस्तारित रूप भी माना जा रहा है। सपा इसका फुलफॉर्म पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक बताती है। अखिलेश ने पिछले साल जून में कहा था कि पीडीए का मतलब पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक लोगों के शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ साझा चेतना और भावना से पैदा हुई एकता का नाम है।

पिछले साल से समाजवादी पार्टी पीडीए के बैनर तले कई कार्यक्रमों को आयोजित कर रही है, जिसके जरिए दलितों, अल्पसंख्यकों और गैर यादव पिछड़ी जातियों तक पहुंचने की कवायद हो रही है। अखिलेश यूपी के अलग-अलग हिस्सों में पीडीए रैली भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यूपी में एनडीए को पीडीए ही हरा सकती है। सियासी जानकारों की मानें तो विधानसभा परिणाम के बाद अखिलेश का ध्यान अब बसपा के दलित वोटर और बीजेपी के पाल में नजर आ रहे गैर-यादव पिछड़ी जातियों पर है।

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