अरविंद शर्मा के गांव में जश्न का माहौल, मऊ में बधाई देने वालों का लगा तांता

गांव के लोगों का कहना है हमारा जनपद कल्पनाथ राय के निधन के बाद से नेताओं से खाली हो गया था। अरविंद शर्मा जिस तरह से प्रशासनिक अधिकारी के रूप में ईमानदार छवि थी उसी ही तरह से अब वह ईमानदार राजनेता के रूप में भी लोगो की सेवा करेंगे।

Update: 2021-01-15 13:04 GMT
अरविंद शर्मा के गांव में जश्न का माहौल, मऊ में बधाई देने वालों का लगा तांता

आसिफ रिज़वी

मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के काझा खुर्द गांव के रहने वाले गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद शर्मा के बीजेपी में शामिल होने और 15 जनवरी को बीजेपी से एमएलसी के लिए नामंकन करने की खबर पर उनके गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है । इस खबर को सुनते ही अरविंद शर्मा के घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है।

प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अरविंद शर्मा की ईमानदार छवि

बता दें कि अरविंद शर्मा मूलतः उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के काझा खुर्द गांव के रहने वाले है । 1988 बैच के आईएएस अधिकारी थे । अरविंद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी अधिकारियों में गिनती होती थी । गांव में ऐसा माना जाता है उनकी कर्तव्यनिष्ठ की वजह से बीजेपी ने उनपर भरोसा जताया है । गांव के लोगों का कहना है हमारा जनपद कल्पनाथ राय के निधन के बाद से नेताओं से खाली हो गया था । अरविंद शर्मा जिस तरह से प्रशासनिक अधिकारी के रूप में ईमानदार छवि थी उसी ही तरह से अब वह ईमानदार राजनेता के रूप में भी लोगो की सेवा करेंगे।

तीन भाइयों में अरविंद सबसे बड़े

अरविंद शर्मा का जन्म 11 अप्रैल 1962 को हुवा था परिवार में तीन भाइयों में अरविंद सबसे बड़े है । इनके पिता शिवमूर्ति राय परिवहन विभाग में यातायात निरीक्षक के पद पर थे । माता शांति देवी ग्रहणी थी। इनके दो भाई है अनिल राय पीसीएस अधिकारी है और छोटे भाई अरुण राय भी नौकरी करते है।

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प्रारंभिक शिक्षा 1-5 तक गांव के प्राथमिक स्कूल से हुई फिर उसके बाद 6-12 तक कि शिक्षा डीएवी इंटर कालेज से हुई । बीए और एमए की शिक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हुई । एम ए राजनीति शास्त्र से किया था। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ही दो वर्ष तक प्रवक्ता के पद पर भी नौकरी किया। 29 वर्ष की अवस्था मे 1988 में गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी बने ।

पीएमओ में बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके हैं

आईएएस बनने के बाद इनको पहली पोस्टिंग 1989 में एसडीएम के रूप में मैसड़ा जिले में हुई फिर उसके बाद वहां से 1995 में कमिश्नर बने 2001 से 2015 तक नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने पर उनके सचिव के रूप में काम शुरू किया । और जब 2014-2020 में मोदी प्रधानमंत्री बने तो उनके साथ मे सचिव बने रहे । पीएमओ में बड़ी जिम्मेदारी निभाने का काम किया ।

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फिलहाल में बीआरएस लेकर आज बीजेपी की सदस्यता ले लिया है । अरविंद के गांव लोगो को जैसे ही पता चला कि वह बीजेपी की सदस्यता ले लिया है और उनको प्रदेश का डिप्टी सीएम का भी पद मिल सकता है । तब से उनके गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है । गांव में उनके घर मिलने वालों का जमावड़ा लगा हुआ ।

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