Lucknow News: जेल जा सकते हैं पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी, आयुष घोटाले में घूस लेने का आरोप, निजी सचिव बना STF का गवाह

Lucknow News: यूपी एसटीएफ ने आयुष घोटाले की जांच के बाद अब चार्ज शीट दाखिल की है। उसमे पहली योगी सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी का भी नाम है। आरोप है कि पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कॉलेजों की मान्यता की मंजूरी के लिए घूस ली थी।

Report :  Sunil Mishraa
Update: 2023-02-16 08:43 GMT

Former minister Dharam Singh Saini (Photo: Social Media)

Lucknow News: प्रदेश के चर्चित आयुष घोटाले में पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी का जेल जाना लगभग तय हो चुका है। एसटीएफ ने जांच के बाद जो चार्जशीट दाखिल की है उसमे धर्म सिंह सैनी का नाम है। आरोप है की पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कॉलेजों की मान्यता की मंजूरी के लिए घूस ली थी। यूजी और पीजी की मान्यता के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस ली गई थी। जबकि पीजी की मान्यता के 50 लाख रुपए रिश्वत ली गई थी। रिश्वत की रकम का एक बड़ा हिस्सा पूर्व मंत्री को दिया गया था। यह खुलासा एसटीएफ की ओर से आयुष कॉलेजों में बिना नीट परीक्षा के हुए एडमिशन के मामले में दाखिल की गई चार्जशीट में हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन 

आरोपी प्रफेसर एस एन सिंह (पूर्व निदेशक आयुष) और डॉ. उमाकांत यादव ने एसटीएफ को दिए अपने बयानों में बताया कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक आदेश की कड़ी में डॉ. अनवर सईद और डॉ. अकरम निदेशालय में डॉ. उमाकांत से मिले थे। अकरम और सईद ने उमाकांत से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जल्द अनुपालन करवा दें तो यूजी की मान्यता के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये और पीजी के लिए 50 लाख रुपये दे देंगे।

 यूजी के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये

इस पर एसएन सिंह और उमाकांत ने उन दोनों को तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी के पर्सनल सेक्रेटरी राजकुमार दिवाकर के जरिए मुलाकात मंत्री से मुलाकात करवाई। मंत्री से से काम होने का आश्वासन मिलने के बाद सईद और अकरम ने अलग-अलग तारीखों में यूजी के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये एसएन सिंह व उमाकांत को दिए। फिर पीजी वाली फाइल के लिए भी 50 लाख रुपये दिए। जिसे तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी, प्रफेसर एसएन सिंह, उमाकांत यादव व फाइल पास होने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों में बांटा गया।

निजी सचिव की गवाही, जेल जाने का रास्ता

तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी के खिलाफ उनके निजी सचिव राज कुमार दिवाकर ने गवाही दी है। माना जा रहा है की उसका बयान पूर्व मंत्री की मुश्किलें बढ़ाएगा। एसटीएफ ने राजकुमार दिवाकर का मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया है। राजकुमार दिवाकर ने 161 के तहत पुलिस को दिए गए बयान को ही 164 में भी दोहराया है। उसने अपने बयानों में पूर्व मंत्री द्वारा रिश्वत लिए जाने की पुष्टि की है। उसने प्रफेसर एसएन सिंह व उमाकांत के बयानों की भी पुष्टि की है।

खारिज हुई थी अग्रिम जमानत की अर्जी

तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी ने एसटीएफ द्वारा 91 सीआरपीसी की नोटिस भेजने के बाद गिरफ्तारी की आशंका पर कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। दरअसल एसएन सिंह, उमाकांत और राजकुमार दिवाकर के बयानों के बाद एसटीएफ ने धर्म सिंह सैनी के खिलाफ कर पूछताछ के लिए दस्तावेजों सहित उपस्थित होने को कहा था। लेकिन बीमारी का हवाला देकर वह पेश नहीं हुए थे। एसटीएफ की चार्जशीट के संबंध में जब तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

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