लखनऊ: बसपा के पूर्व सांसद कादिर राणा ने साल 2014 में चुनाव आयोग को दिए एफिडेबिट में 2 करोड़ 40 लाख 93 हजार 750 रुपए की देनदारी घोषित की थी, जबकि क्रेडिट इंफार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) ने देश के ऐसे पांच कर्जदार नेताओं के नाम पर से पर्दा उठाया है जो भारतीय बैंकों के लगभग 900 करोड़ के कर्जदार हैं। इनमें कादिर राणा अकेले 90 करोड़ से अधिक के लोन डिफाल्टर हैं और यदि इसमें उनके रिलेटिव को भी शामिल कर लिया जाए तो यह राशि बढ़कर 225 करोड़ रुपए हो जाती है।
देश के टाॅप पांच लोन डिफाल्टर नेताओं में शामिल कादिर राणा
CIBIL ने बैंक के लोन डिफाल्टरों के जो नाम बताए हैं, उनमें कादिर राणा एंड रिलेटिव का नाम दूसरे नंबर पर है।
इनकी कंपनी राना ग्रुप के नाम से है। जिसमें कादिर राणा डायरेक्टर हैं।
सिर्फ दो कंपनियों पर 90 करोड़ की देनदारी
कादिर राणा की जिन दो कम्पनियों पर 90 करोड़ की देनदारी है। उनमें राना उदयोग और राना ग्लोबल शामिल हैं।
इसके अलावा Rana Alloys, Haridwar Iron और Ispat Rolling कंपनियां इनके नजदीकी रिश्तेदार की स्वामित्व वाली हैं।
यह कंपनियां भी लगभग 135 करोड़ की लोन डिफाल्टर हैं।
सात साल में चार गुना बढ़ी सम्पत्ति
कादिर राणा के पास साल 2007 में कुल संपत्ति 3 करोड़ 36 लाख 68 हजार 919 रुपए थी।
सात साल में इनकी संपत्ति में आश्चर्यजनक इजाफा हुआ।
साल 2014 में इनकी संपत्ति बढ़कर 13 करोड़ 52 लाख 2 हजार 262 रुपए हो गई।
सात सालों में 4 गुना बढ़ी संपत्ति
-जैसा कि उन्होंने चुनाव आयोग को दिए गए एफिडेबिट में घोषित किया है।
-देखा जाए तो इस तरह सिर्फ सात सालों में इनकी संपत्ति में चार गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई।
ऐसे बढ़ी संपत्ति
-साल 2007 के चुनाव में 3 करोड़ 36 लाख 68 हजार 919 रुपए थी कुल संपत्ति।
-साल 2009 में इनकी संपत्ति 5 करोड़ 84 लाख 51 हजार 906 करोड़ रुपए हुई।
-साल 2014 में इनकी संपत्ति बढ़कर 13 करोड़ 52 लाख 2 हजार 262 रुपए हो गई।
-कादिर राणा साल 2009 में मुजफ्फरनगर से बसपा के सांसद चुने गए थे।
-पूर्व सांसद के रिश्तेदार सलीम राना मुजफ्फरनगर दंगे में चार्जशीटेड।
राना ग्रुप में हैं डाइरेक्टर
-नूर सलीम राना को एसआईटी ने मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी पाया है ।
-सलीम राना ग्रुप आॅफ कंपनीज के एक कंपनी में डाइरेक्टर भी हैं।