Amarmani Tripathi News: अमरमणि पत्नी संग जेल से तीन बजे होंगे रिहा, मधुमिता हत्याकांड में मिली थी उम्रकैद

Amarmani Tripathi News: उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग ने मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश जारी किया।

Update:2023-08-25 08:14 IST
Amarmani Tripathi News (Social Media)

Amarmani Tripathi New: उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग ने मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश जारी कर दिया है। सूत्रों से खबर मिल रही है कि अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को तीन बजे गोरखपुर जेल से रिहा कर दिया जाएगा।

बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी करीब 20 सालों से गोरखपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। हालांकि,अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी का समय से पहले रिहाई का आदेश जारी हो गया है। दोनों के अच्छे आचरण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को आदेश के बाद कारागार प्रसाशन विभाग ने आदेश जारी किया है।

सु्प्रीम कोर्ट ने दिया रिहा करने का आदेश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों अच्छा आचरण करने वाले कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था। जिसके बाद अमरमणि ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर 10 फरवरी 2023 को रिहाई को आदेश दे दिया था। लेकिन, उनको रिहा नहीं किया गया। अमरमणि की ओर से अवमानना याचिका दाखिल की गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को रिहाई का आदेश पारित किया। जिसमें लिखा कि जिनकी उम्र 66 वर्ष होने और करीब 20 साल तक जेल में रहने और अच्छे आचरण को देखते हुए किसी अन्य विवाद में न शामिल हों तो रिहाई कर दी जाए।

2003 में हुई थी मधुमिता शुक्ला की हत्या

लखीमपुर की रहनेवाली कवयित्री मधुमिता शुक्ला पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के संपर्क में आईं और उनका रिश्ता प्रेम में बदल दिया। इस बीच मधुमिता गर्भवती हो गईं और उन पर गर्भपात का दबाव बनाया। लेकिन, उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। इस बीच लखनऊ में निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 को 7 महीने की गर्भवती मधुमिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। डीएनए जांच में पता चला कि कवियत्री के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि त्रिपाठी का है। इस घटना से यूपी के सियासी हलके में भूचाल आ गया था।

बसपा सरकार में मंत्री थे अमरमणि त्रिपाठी

मधुमिता शुक्ला के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया, जिसमें पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी, भतीजे, रोहित मणि त्रिपाठी, संतोष राय और पवन पांडे को आरोपी बनाया गया। उस समय प्रदेश में बसपा की सरका थी और उसमें अमरमणि त्रिपाठी मंत्री थे। सीबीआईडी ने 20 दिनों की जांच के बाद पूरे मामले को सीबीआई को सौंप दिया।

24 अक्टूबर 2007 को हुई थी उम्रकैद की सजा

मधुमिता की बहन अमरमणि को सजा दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। उन्होने केस को लखनऊ से दिल्ली या फिर तमिलनाडु ट्रांसफर करने की मांग। कोर्ट ने केस को 2005 में उत्तराखंड ट्रांसफर कर दिया। 24 अक्टूबर 2007 को सेशन कोर्ट ने पांचो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सनुनाई। अमरमणि त्रिपाठी नैनीताल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गए लेकिन उम्रकैद की सजा बरकरार रही

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