मैं जिंदा हूं! 'मृत' बुजुर्ग ने जब SDM से कही ये बात, तो चौंक गई 'साहिबा'

पूरा मामला मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के विकास खंण्ड बाजार शुक्ल का है। जहां पर शेखपुर भडरा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने जिंदा होने की गुहार लगाते हुए सम्पूर्ण समाधान दिवस में अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव के समक्ष उपस्थित हो कर अपनी व्यथा सुनाई।

Update: 2020-01-22 06:49 GMT

अमेठी: राजस्व कर्मियों की पोल मंगलवार को जब सम्पूर्ण समाधान दिवस में खुली थी तो प्रशासनिक अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह गई। हुआ ये कि एडीएम वंदिता श्रीवास्तव के सामने पहुंचे एक 70 वर्षीय बुजुर्ग ने कहा साहब मैं जिंदा हूं।

बुजुर्ग ने कहा कि मुझे मृतक दिखाकर मेरी ज़मीन को लेखपाल व राजस्व निरीक्षक ने मेरे भाई की पत्नी के नाम वरासत कर दिया है। मैं सालों से भटक रहा हूँ, मुझे न्याय चाहिए।

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पूरा मामला मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र के विकास खंण्ड बाजार शुक्ल का है। जहां पर शेखपुर भडरा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने जिंदा होने की गुहार लगाते हुए सम्पूर्ण समाधान दिवस में अपर जिलाधिकारी वंदिता श्रीवास्तव के समक्ष उपस्थित हो कर अपनी व्यथा सुनाई।

राजस्व निरीक्षक व लेखपाल पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए बताया कि मेरे भाई की पत्नी से प्रेरित होकर मेरे जिंदा रहते हुए मेरी ज़मीन को मेरे भाई की पत्नी के नाम वरासत कर दिया। जबकि मेरे तीन पुत्र है, और मैं आज तक अपने जीवित होने का प्रमाण देता फिर रहा हूं। बुजुर्ग की बात सुनकर दंग रह गई अपर जिलाधिकारी ने मातहतों को बुलाकर फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जब उत्तर प्रदेश में 'शासन' कागजों पर जिंदा को मुर्दा और मुर्दा को जिंदा दर्शाता है तो आम आदमियों को न्याय कैसे मिल सकता है?

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