Hapur News: गढ़मुक्तेश्वर तीर्थनगरी ब्रजघाट गंगा तट पर काशी के तर्ज पर आरती, वाद्य यंत्रों में बढ़ोत्तरी
Hapur News: इसके लिए मुरादाबाद पीतलनगरी और काशी से आरती का सामान भी मंगवा लिया गया है। जिसमें जोत वाली आरती के साथ ही धूनी वाली जोत भी मंगाई गई है।
Hapur News: इसके लिए मुरादाबाद पीतलनगरी और काशी से आरती का सामान भी मंगवा लिया गया है। जोत वाली आरती के साथ ही धूनी वाली जोत भी मंगाई गई है। गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट को यूपी में हरिद्वार के नाम से जाना जाता हैं। यहां 22 वर्षों से हरिद्वार की तरह गंगा आरती का आयोजन किया जा रहा है।
गंगा आरती को भव्य रूप देने के लिए गंगा सभा के पद अधिकारियों ने वाद्य यंत्रों में इजाफा किया है। बनारस और मुरादाबाद से महंगे वाद्य यंत्र मंगवाए गए हैं। मकर संक्रांति पर खरमास के समापन पर गंगा तट पर होने वाली गंगा आरती को काशी में होने वाली आरती की तरह किया जाएगा।
दो डमरू आरती में होंगे शामिल
गंगा आरती के लिए दो डमरू मंगवाए गए हैं। इनके लिए छह पुजारी की संख्या भी बढ़ाई गई है। अब गंगा महाआरती पर दो डमरू बजेंगे, जबकि रोजाना होने वाली आरती में प्रतिदिन एक डमरू बजाया जाएगा।
शिव के नाग वाली धूनी धोपडा
बड़ी जोत वाले पांच बड़े दीये भी मंगाए गए हैं। आरती संचालक कपिल नागर ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 धूनी धोपडा मंगवाए गए हैं। इसमें पांच प्रतिदिन और महाआरती पर 10 जलाए जाएंगे। यहां काशी की तरह ही आरती तथा धूनी वाली आरती बदलती रहेगी। इसके अलावा 15 किलो के 4 बड़े घंटे घड़ियाल मंगाए हैं। दो रोज और महाआरती पर सभी बजाए जाएंगे।
मकर संक्रांति पर महाआरती
आरती संचालक कपिल नागर ने बताया कि मकर संक्रांति पर विशेष महाआरती होगी। अब स्टाफ भी बढ़ा दिया गया है। 15 के स्थान पर 21 पुजारी रहेंगे। इसके अलावा खरमास के बाद रोज काशी की तर्ज पर 21 पुजारी ड्रेस में भव्य आरती करेंगे। वहीं खिचड़ी और पुलाव का भंडारा किया जाएगा। खिचड़ी बनाकर गंगा मां को मंत्रों के बीच भोग लगाया जाएगा।