Ram Mandir : आंदोलन में आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद, गाजियाबाद में सबसे पहले इस वीर ने दी अपनी गिरफ्तारी

Report :  Neeraj Pal
Update: 2024-01-19 12:29 GMT

गाजियाबाद शहर भी बना राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा source : newstrack 

Ghaziabad : आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण होने के बाद करोड़ों राम भक्तों का सपना साकार होगा। लेकिन कई राम भक्त ऐसे भी थे, जो इस सपने की प्रतीक्षा करते हुए इस दुनिया से इस संसार को अलविदा कह गए। दिल्ली के नजदीक गाजियाबाद में भी एक ऐसे ही राम भक्त थे। जिनका नाम लाल बुद्ध प्रकाश गर्ग था। जो अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन वह ऐसे राम भक्त थे, जो 23 अक्टूबर 1990 को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी की बिहार राज्य में गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद उनके समर्थन में सड़क पर उतर आए और गाजियाबाद में उन्होंने सबसे पहली अपनी गिरफ्तारी दी थी।




गाजियाबाद  भी बना राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा 

गाजियाबाद शहर के लोग आज भी उनके इस जज्बे को सलाम करते हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन की ये क्रांति हर जगह देखने को मिल रही थी। उसी बीच गाजियाबाद के दादा बुद्ध प्रकाश द्वारा सबसे पहले गिरफ्तारी दी गई थी। उनके सुपुत्र लाल वेद प्रकाश गर्ग खादी वाले बताते हैं कि जैसे ही बिहार में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी की जानकारी पिताजी को मिली वह उनके समर्थन में सड़क पर निकल गए। इसके बाद बाजार बंद करते हुए वे घंटाघर पहुंच गए। वहां पर हजारों की संख्या में अन्य लोगों को इकट्ठा किया गया। मंजर यह था कि जिसको भी आडवाणी की गिरफ्तारी की खबर मिली। वह अपनी दुकान बंद करके आडवाणी जी के समर्थन में सीधा घंटाघर पहुंच जाते। हजारों की संख्या में एकत्रित लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद सबसे पहले पिता बुद्ध प्रकाश जी की गिरफ्तारी दी गई। उन्हें तत्कालीन एसपी बख्शी व पुलिस क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह नेगी के द्वारा गिरफ्तार किया गया था। सभी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां से उन्हें सहारनपुर की सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। हालांकि करीब दो सप्ताह बाद सभी को रिहा कर दिया गया था लेकिन राम मंदिर आंदोलन के चलते पूरा गाजियाबाद बंद हो गया था। आज इस दुनिया में लाल बुद्ध प्रकाश गर्ग नहीं है लेकिन उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। वह एक वीर व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे उस समय भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य थे। वर्ष 1998 में उनका देहांत हो गया था। उनके बेटे लाल वेद प्रकाश गर्ग ने बताया कि हाल ही में उनके स्थान पर सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है।

Tags:    

Similar News