Ghaziabad News: स्विमिंग पूल में नहाने के बाद बच्चे पड़ रहे बीमार, यह है बड़ा कारण
Ghaziabad News: स्विमिंग पूल के गंदे पानी को साफ दिखाने के लिए काफी मात्रा में क्लोरीन और म्यूरिएटिक एसिड का उपयोग किया जाता है।
Ghaziabad News: गर्मी अपने प्रचंड तेवर पर है, आसमान आग उगल रहा है। ऐसे में भीषण गर्मी से बचने के लिए लोग जहां एसी का सहारा ले रहे है। वहीं अपने बच्चों को फन और मनोरंजन के लिए स्विमिंग पूल भेजकर स्विमिंग सिखा रहे है। जिसके पीछे पेरेंट्स का मानना है कि स्विमिंग पूल भेजकर बच्चा स्विमिंग सीख जाएगा और गमीं से भी राहत मिल जाएगी। उधर, आजकल स्विमिंग पूल जाना एक स्टेटस सिंबल भी बन गया है। जिसके कारण शहर में जगह- जगह तैराकी केंद्र भी खुल गए है। यहां तक की गांव में बने तमाम बैंक्वट हॉल और फार्म हाउस में भी स्विमिंग पूल खुल गए है। जहां बड़ी संख्या में सुबह शाम बच्चों की भीड़ देखी जा सकती है। लेकिन कई बार ठंडक पाने का स्विमिंग पूल का ये जरिया खतरनाक भी साबित हो सकता है।
स्विमिंग पूल के गंदे पानी को साफ दिखाने के लिए काफी मात्रा में क्लोरीन और म्यूरिएटिक एसिड का उपयोग किया जाता है। वहीं उस पानी में एक साथ कई बच्चे स्विमिंग या नहाते है। जिससे उस पानी में वैक्टिरिया परिजीवी भी ज्यादा हो जाते है। घाव के खुले रहने पर, कान या आंख के जरिए ये वैक्टिरिया शरीर में प्रवेश कर जाते है। जिससे उस पानी में नहाने वाले बच्चे 48 घंटे के अंदर बीमार भी हो सकते है। ऐसे बच्चों को उल्टी, दस्त, खांसी, जुकाम की शिकायत सामने आ रही है। कई बार स्विमिंग पूल के पानी में पीएच लेवल का भी ख्याल नहीं रखा जाता है। पीएच लेवल को संतुलित रखने के लिए नियमित मात्रा में म्यूरिएटिक एसिड का इस्तेमाल किया जाता है।
20-25 बच्चे प्रतिदिन हो रहे हैं बीमार
स्विमिंग पूल में नहाने या स्विमिंग सीखने जाने वाले 20- 25 बच्चे प्रतिदिन बीमार हो रहे है। दरअसल, स्विमिंग पूल का पानी स्विमिंग के दौरान उनके मुंह के माध्यम से पेट में जा रहा है। जिससे इंफेक्शन हो रहा है और उल्टी, दस्त, खांसी, जुकाम की समस्या सामने आ रही है। स्विमिंग पूल के पानी में म्यूरिएटिक एसिड मिलाया जाता हैं, जिससे एसिड पूल के पीएच स्तर को कम कर देता है। स्विमिंग पूल का पानी न अधिक अम्लीय होना चाहिए और न ही अधिक क्षारीय। इसलिए पीएच लेबल मेंटेन रहना चाहिए। घर पर नल के पानी का पीएच लेवल 7 पर होना चाहिए और पूल के लिए आदर्श पीएच स्तर 7.4 से 7.6 के आसपास है। पूल के पीएच को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने के लिए बहुत अधिक म्यूरिएटिक एसिड की आवश्यकता पड़ती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
स्विमिंग पूल के पानी में काफी मात्रा में क्लोरीन होता है। इसके अलावा इस पानी में कई तरह के वैक्टिरिया भी होते हैं। यदि आपके बच्चे को किसी तरह की एलर्जी है तो स्विमिंग पूल का पानी उसे नुकसान कर सकता है। बच्चे को कान, नाक या आंख या स्किन का किसी तरह का इंफेक्शन है तो बच्चे को स्विमिंग पूल बिल्कुल मत भेजिए। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है कि स्विमिंग पूल में एक साथ कई लोगों के नहाने या स्विमिंग से पानी में वैक्टिरियां बढ़ जाते है। ये दूषित पानी मुंह, आंख और कान के माध्यम से शरीर में आसानी से प्रवेश कर जाता है। जिससे बच्चों में खांसी, जुकाम सहित कई बीमारियां पैदा होने का खतरा बना रहता है। इसलिए स्विमिंग पूल में स्विमिंग सीखने या नहाने से बचने का प्रयास करना चाहिए।