Ghaziabad: कोयल एंक्लेव योजना में 'रामायण' थीम पर होगा पार्क विकसित, जानें जीडीए की क्या है योजना?

Ghaziabad News: पार्क में केवट भेंट, चित्रकूट का दृश्य, वाल्मीकि आश्रम, मांडव्य आश्रम, अत्रि ऋषि का आश्रम, पंचवटी, सर्वतीर्थ, शबरी का आश्रम, मलय पर्वत, कोडीकरई, रामेश्वरम समुद्र तट, रामसेतु, अशोक वाटिका, नुवारा एलिया पर्वत श्रृंखला तक का दृश्य दिखाया जाएगा।

Report :  Neeraj Tiwari
Update: 2024-01-27 11:12 GMT

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Ghaziabad News: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) कोयल एन्क्लेव योजना (GDA Koyal Enclave) में 'रामायण' पथ थीम पर पार्क विकसित करेगा। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के 14 वर्ष वनवास के दौरान का पूरा दृश्य प्रदर्शित होगा इसके अलावा, त्रेतायुग के जीवंत दर्शन हो सकेंगे।

22700 वर्ग मीटर जमीन पर दिखेगा 'त्रेतायुग'

इस संबंध में जीडीए के मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह का कहना है कि, 'कोयल एन्क्लेव में रामायण पथ थीम पर पार्क विकसित किया जाएगा। एजेंसी ने इसका विस्तृत डिजाइन और एस्टीमेट दिया है। अप्रैल से इसका निर्माण कराने की योजना है। उन्होंने बताया कि कोयल एन्क्लेव में 22700 वर्गमीटर जमीन है, जिस पर रामायण पथ पार्क विकसित करने की तैयारी है। एजेंसी ने इस पार्क का पूरा डिजाइन भी सौंपा है, जिसमें पार्क को विकसित करने की विस्तृत योजना और इसपर करीब 25 करोड़ रुपये खर्च होगा।'

पार्क में क्या-क्या होगा खास? 

पार्क का निर्माण अप्रैल से कराया जाएगा। हालांकि, अभी एजेंसी को इसकी लागत कम करते हुए कई सुझाव दिए हैं, जिसमें पार्क में श्रीराम के 14 वर्ष वनवास के सभी दृश्य प्रदर्शित हो सके। पार्क में बैठने के लिए गोल गुंबद वाली हट बनाई जाएगी, जिसके ऊपरी हिस्से में अयोध्या, काशी विश्वनाथ मंदिर, श्री राम जन्म भूमि, गोरखधाम मंदिर, दूधेश्वरनाथ मंदिर समेत प्रसिद्ध सिद्धपीठ का चित्रण किया जाएगा। साथ ही, पार्क में कृत्रिम सरयू नदी बनाई जाएगी। यहां भगवान श्रीराम व चारों भाइयों के बाल्यकाल से लेकर आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने, ताड़का वध, सीता स्वयंवर, राम वनवास से लेकर लव-कुश शिक्षा व सीता के धरती की गोद में समाने का वर्णन होगा। यह मूर्तियां लगाकर व स्क्रैच के माध्यम से किया जाएगा। ताकि पार्क में घूमते वक्त लोगों को रामायण का दृश्य देखने जैसा महसूस कर सकेंगे।

मानवेंद्र सिंह ने बताया कि, 'पार्क में श्रीराम के 14 वर्ष के दौरान वनवास के पथ का दृश्य देखने को मिलेगा। इसमें अयोध्या से लेकर श्रीलंका तक की झलक मिलेगी। इसमें केबट भेट, चित्रकूट का दृश्य, वाल्मीकि आश्रम, मांडव्य आश्रम, अत्रि ऋषि का आश्रम, पंचवटी, सर्वतीर्थ, शबरी का आश्रम, मलय पर्वत, कोडीकरई, रामेश्वरम समुद्र तट, रामसेतु, अशोक वाटिका, नुवारा एलिया पर्वत श्रृंखला तक का दृश्य दिखाया जाएगा।' 

अशोक वाटिका सबसे अधिक आकर्षक होगी

पार्क को आकर्षक बनाने के लिए श्री राम और रावण वध की झलक देखने को मिल सकती है। साथ ही, इसमें लगाए जाने वाले झूले राक्षसों व पर्वत के आकार के बनाए जाएंगे। श्रीराम के 14 वर्ष के दौरान जो भी पथ रहा, उसी दौर के पौधे लगाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही वह पौधे भी लगाए जाएंगे तो विलुप्त हो चुके हैं या बेहद कम मिलते हैं। इस पार्क में तैयार होने वाली पंचवटी और अशोक वाटिका सबसे अधिक आकर्षक होगी। पंचवटी नाम जिन पांच वृक्षों के नाम पर पड़ा हो। वह पांच वृक्ष पीपल, बरगद, आंवला बेल तथा अशोक वट भी लगेंगे। पार्क में सीता रसोई बनाने का प्रपोजल भी है जहां लोग लजीज व्यंजनों को आनंद ले सकेंगे। लोगों के बैठने के लिए गोल गुंबद वाली हट बनाई जाएंगी। रामायण की चौपाई यहां लगातार बजती रहेगी। आटो मैटिक लाइट व म्यूजिक शो की व्यवस्था भी होगी।

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