Ghaziabad News: भाजपा के बागियों की तैयार हो रही कुंडली, जल्द होगा एक्शन
Ghaziabad News: गाजियाबाद में निष्क्रिय लोगों की सूची तैयार कर अब उनके खिलाफ संगठन स्तर पर कार्यवाई करने की तैयारी की जा रही है।
Ghaziabad News: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन के निर्देश पर गाजियाबाद के नव निर्वाचित सांसद अतुल गर्ग पार्टी संगठन से जुड़े ऐसे पदाधिकारियों और कार्यकताओं की लिस्ट तैयार कर रहे हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान उनका साथ नहीं दिया था। ऐसे लोगों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी द्वारा जल्द ही कार्यवाई की जा सकती है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी से पूरी तरह दूरी बनाए रखी।
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और शहर विधायक अतुल गर्ग ने गाजियाबाद लोकसभा के चुनाव में भले ही जीत दर्ज कर ली हो परंतु पूर्व के दो चुनावों के मुकाबले यहाँ उनकी जीत का अंतर खासा कम हुआ है। अतुल गर्ग के चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की पूरी फौज उतारने के बावजूद भी अतुल गर्ग भाजपा के इस मजबूत किले में महज 3,36,965 वोटों से ही जीत दर्ज कर सके, जबकि दावा तो आठ से दस लाख मतों के अंतर से जीत का किया गया था। अतुल गर्ग के समर्थन मे पार्टी के कद्दावर नेताओं की पूरी फौज के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहाँ रोड शो किया था। इसके बावजूद भी जीत का अंतर कम होने को भारतीय जनता पार्टी ने बेहद गंभीरता के साथ लिया है।
गाजियाबाद में बीजेपी से नाराज थे क्षत्रिय मतदाता
अतुल गर्ग को सबसे ज्यादा बढ़त साहिबाबाद विधानसभा में मिली। यहाँ अतुल गर्ग को 3,11,036 वोट मिले जबकि डॉली शर्मा को महज 1,19,852 मत ही प्राप्त हो सके। इस तरह यहाँ उनकी जीत का अंतर 1,91,184 वोट रहा इसके बाद मुरादनगर विधानसभा में यह अंतर 76,768 वोट, गाजियाबाद शहर विधानसभा में 63,256 और लोनी विधानसभा में महज 21,668 वोट ही रहा। धौलाना विधानसभा में डॉली शर्मा भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग से 16,725 मतों के अंतर से आगे रहीं। लोकसभा चुनावों में इस बार क्षत्रिय मतदाता भारतीय जनता पार्टी से नाराज रहे।
भाजपा ने इन्हें मनाने के लिए क्षत्रिय समाज से आने वाले कद्दावर नेता और केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उनके सुपुत्र व यूथ आइकन नीरज सिंह और मुख्यमंत्री योगी समेत अपने कई नेताओं को उतारा परंतु बात नहीं बन सकी। इसी के चलते धौलाना में उसे सपा-कांग्रेस गठबंधन के हाथों पिछड़ना पड़ा । क्षत्रियों की नाराजगी के साथ ही भाजपा उम्मीदवार की इतने कम मतों के अंतर से जीत के लिए पार्टी के दर्जनों नेताओं की निष्क्रियता को भी अहम कारण माना जा रहा है। इसी के चलते अब निष्क्रिय लोगों की सूची तैयार कर अब उनके खिलाफ संगठन स्तर पर कार्यवाई करने की तैयारी की जा रही है।