Lok Sabha Election 2024: भाजपा को बसपा की चुनौती! 2008 से इस सीट पर लहराते भगवा झंडे को उतारने की तैयारी में मायावती

Ghaziabad Lok Sabha: अपनी जीत की हैट्रिक को बरकार रखने के लिेए भाजपा ने इस सीट से दो बार से सांसद रहे जनरल वीके सिंह (रिटायर्ड) का टिकट काट कर वैश्य समाज से आने वाले विधायक अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया है।

Written By :  Seema Pal
Update:2024-04-15 12:22 IST

Lok Sabha Election 2024 (Photo: Social Media)

Ghaziabad Lok Sabha: उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद लोकसभा सीट का चुनाव में खास महत्व है। हॉट सीट में आने वाली गाजियाबाद लोकसभा सीट पर साल 2008 से भाजपा का झंडा लहरा रहा है। अपनी जीत की हैट्रिक को बरकार रखने के लिए भाजपा ने इस सीट से दो बार से सांसद रहे जनरल वीके सिंह (रिटायर) का टिकट काट कर वैश्य समाज से आने वाले विधायक अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया है। आईए जानते हैं कि उम्मीदवार के नाम में बदलाव करने के बाद भाजपा को इस सीट पर कितना फायदा मिलेगा?

ओबीसी वोटर नहीं खोना चाहती भाजपा

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार कई रोड शो कर चुके हैं। इस बार भाजपा ने इस सीट पर बदलाव करते हुए विधायक अतुल गर्ग पर दांव खेला है। अतुल गर्ग वैश्य समाज से आते हैं। राजनीतिज्ञों का कहना है कि भाजपा ने अतुल गर्ग को मैदान में इसलिए उतारा है क्योंकि पार्टी ओबीसी समाज के वोटर नहीं खोना चाहती है।

बसपा ने दी भाजपा को चुनौती

इस सीट पर भाजपा के अतुल गर्ग के सामने विपक्षी गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने ब्राह्मण समाज की डॉली शर्मा को उतारा है। डॉली शर्मा इससे पूर्व भी इस सीट से उम्मीदवार थी। जबकि बसपा ने पिछले चुनाव में इस सीट से अंशय कालरा को टिकट दिया था। लेकिन बाद में ठाकुर बिरादरी के नंद किशोर पुंडीर को टिकट दे दिया। इसका भी कारण था कि नंद किशोर पुंडीर भाजपा छोड़कर बसपा में आए हैं। इसलिए इस बार इस सीट पर जोरदार सियासी संग्राम देखने को मिल सकता है।

बंटी दिख रही गाजियबाद की जनता

प्रत्याशी कोई भी हो मगर विजेता कौन होगा इसका फैसला गाजियबाद की जनता को करना है। यहां के स्थानीय कहते हैं कि इस बार भी भाजपा की जीत पहले से सुनिश्चित है। लेकिन इस बार इस सीट पर जातीय समीकरण हावी रहेगा। बसपा के उम्मीदवार नंद किशोर पुंडीर के समर्थन में ठाकुरों के वोट जा सकते हैं। जिले में ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों और अलग-अलग जिलों से आकर यहां बसे हैं। इसलिए वे भाजपा से ज्यादा प्रभावित रहते हैं, लेकिन यहां के स्थानीय ग्रामीण क्षेत्रों में लोग भाजपा के वोटों को प्रभावित कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद लोकसभा सीट 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। गाजियाबाद सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। तब से लेकर आज तक इस सीट पर भाजपा का दबदबा कायम है। इसी के साथ हर चुनाव में भाजपा की जीत का अंतर भी बढ़ता गया।

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