Heat Wave: गर्मी का प्रकोप कर रहा लोगों को दिमागी रूप से परेशान
Heat Wave: मौसम के तेजी से बदलने और तेज गर्मी का प्रभाव मनोरोगियों पर काफी ज्यादा पड़ता है। गर्मी बढ़ने से डिप्रेशन के पीडितों की समस्या बढ़ जाती है।
Heat Wave: गर्मी का ताप लोगों को दिमागी रूप से परेशान कर रहा है। इस मौसम में मानसिक और तनाव से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मौसम बदलने का प्रभाव मानसिक रोगियों पर सबसे अधिक दिखाई दे रहा है जिसकी वजह से रोगियों में चिड़चिड़ापन बढ़ने के साथ तनाव और भी गंभीर हो जाता है।
गर्मी से बढ़ रही डिप्रेशन के मरीजों की संख्या
जिला अस्पताल में बने मानसिक रोग विभाग में इन दिनों मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इनमें नए मरीजों के मुकाबले पुराने मरीजों की संख्या ज्यादा है। मनोचिकित्सक डॉ. साकेत नाथ तिवारी बताते है कि मौसम के तेजी से बदलने और तेज गर्मी का प्रभाव मनोरोगियों पर काफी ज्यादा पड़ता है। गर्मी बढ़ने से डिप्रेशन के पीडितों की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे मरीज भी आ रहे हैए जिनकी दवाएं बंद हो चुकी थी। गर्मी बढ़ने से उनकी समस्या भी बढ़ गई है। पुराने मरीजों में चिड़चिड़ापन बढ़ने, भूख-प्यास कम होने और काम में मन नहीं लगने की शिकायतें ज्यादा है। इसके अलावा उन्हें लोगों से मिलने जुलने में भी परेशानी हो रही है। कई मरीज तो ऐसे है जो मार्केटिंग या पब्लिक सेक्टर में काम करते हैं। उनके लिए यह स्थिति बेहद खराब है। ऐसे मरीजों को दोबारा से दवाएं दी जा रही है नए मरीजों में अकेले बैठना, किसी से बात नहीं करना, बात-बात पर गुस्सा करना जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। नए मरीजों में किशोरों की संख्या ज्यादा है।
सीनियर मनोविज्ञानी डॉ. संजीव त्यागी बताते हैं कि उनके पास भी मरीजों की संख्या बढ़ी है मौसम बदलने और गर्मी ज्यादा होने पर किशोरों में डिप्रेशन की शिकायत ज्यादा हो रही है। जो किशोर हाल ही में एग्जाम प्रेशर से बाहर निकले हैं और रिजल्ट आने के बाद नई क्लास में गए है या फिर किसी कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे किशोरों को डिप्रेशन अपनी चपेट में ले रहा है। इसके अलावा पुराने मरीजों में भी इस मौसम में समस्या बढ़ रही है। कई ऐसे मरीज भी हैए जिनका ट्रीटमेंट अंतिम चरण में थाए लेकिन अचानक तेज गर्मी होने से उनकी समस्या बढ़ गई है।
डॉ. त्यागी ने कहा कि इस मौसम में किशोरों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। उन्हें अकेला न छोड़े और उनसे बात करते रहें। किशोरों को घर से बाहर खेलने जरूर भेजे। लैपटॉप और मोबाइल पर ज्यादा देर तक पढ़ने से भी डिप्रेशन की समस्या बढ़ती है। किशोर को किसी बात को लेकर परेशानी हो रही है तो उससे बात करके उसकी समस्या को समझने का प्रयास करें।