Ghaziabad News: गाजियाबाद से शुरू हुई 1857 की क्रांति, शहीदों को किया गया याद

Ghaziabad News: गाजियाबाद प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 शहीद स्मारक समिति द्वारा आयोजित हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन के पास श्रद्धांजलि भावांजलि पुष्पांजलि का कार्यक्रम किया गया है।

Report :  Neeraj Pal
Update:2024-05-27 22:49 IST

Symbolic Image (Pic:Social Media)

Ghaziabad News: सन 1857 को हिन्डन नदी के तट पर अग्रेंजी फौजों से लड़ने वाले अमर शहीदों की याद में 25 वॉ श्रद्धांजलि कार्यक्रम किया गया। अंग्रेजों से लोहा लेने वाले गाजियाबाद के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। गाजियाबाद प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 शहीद स्मारक समिति द्वारा आयोजित हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन के पास श्रद्धांजलि भावांजलि पुष्पांजलि का कार्यक्रम किया गया है। समिति के मीडिया प्रभारी विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के पीठाधीश्वर बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि समिति के संस्थापक अध्यक्ष पंडित राम आसरे शर्मा पूर्व चेयरमैन मोदीनगर के नेतृत्व में यह कार्यक्रम 24 वर्षों से आयोजित किया जाता है।

भारत माता की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए सर्वप्रथम आजादी के बिगुल की शुरुआत बैरकपुर छावनी से आजादी के दीवाने मंगल पाण्डे ने फौज में बगावत करके और अपनी शहादत से शुरू की, जिसकी चिंगारी मेरठ एवं सम्पूर्ण भारत में फैली। उसी के परिणाम स्वरूप आजादी की पहली जंग अंग्रेजो से सीधे लड़ने का अवसर 1857 को हिन्डन नदी गाजियाबाद के तट पर उस समय गाजियाबाद जनपद के लोगों को मिला था। गाजियाबाद जनपद की ग्रामीण जनता ने अपने प्राणों को देश के लिए न्यौछावर करते हुए अंग्रेजी फौज को हिन्डन नदी को पार नहीं करने दिया था।

आखिर अंग्रेजी फ़ौज को वापस लौटना पड़ा। कितने ही अंग्रेज भी इस युद्ध में मारे गये थे। कुछ की कब्रों की निशानी आज भी गाजियाबाद हिन्डन विहार में अंग्रेजों के कब्रिस्तान के नाम से जानी जाती है। हम ऐसे आजादी के अपने शहीदों को भूलते जा रहे हैं, यहाँ तक कि हमारी आज की पीढ़ी यह भी नहीं जानती कि जिस आजादी की खुली सांस हम ले रहे हैं, वह कितने ही हमारे बुजुर्गों के बलिदान के बाद हमें मिली है। गाजियाबाद जनपद के शहर और ग्रामीण क्षेत्र कितने ही लोगों ने हिन्डन नदी गाजियाबाद के तट पर भारत माता की जय का उ‌द्घोष करते-करते अपने प्राणों का बलिदान दिया। इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य जनप्रतिनिधि समाजसेवियों को भी आमंत्रित किया गया है।

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