Ghaziabad News: अधिकारियों की उदासीनता के चलते बदसूरत हुई वसुंधरा योजना

Ghaziabad News: लोगों के बीच वसुंधरा की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि हर कोई यहाँ अपना आशियाना तलाशने लगा

Report :  Neeraj Pal
Update:2024-05-14 12:18 IST

Ghaziabad News

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों के लालच ने इसकी महत्वाकांक्षी वसुंधरा योजना की सूरत बिगाड़ कर रख दी है। आवास विकास परिषद कर्मचारियों के लालच का ही परिणाम है कि यहाँ आवासीय इकाइयों में शोरूम व रेस्टोरेंट से लेकर ओयो होटल तक धडल्ले से खुल रहे हैं। ऐसे में सुकून भरी जिंदगी जीने की चाह में वसुंधरा आए लोग अब अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की वसुंधरा योजना 500 हेक्टेयर से भी ज्यादा के क्षेत्रफल में फैली है। इस योजना में 20 से भी अधिक सेक्टर हैं जिनमें छोटे-बड़े प्लॉट व फ्लैट्स से लेकर सोसाइटियों तक के लिए बड़े प्लॉट भी उपलब्ध कराए गए हैं। शुरुआत में तो इस योजना को लोगों का अधिक साथ नहीं मिल पाया और आलम यह था कि जिसे यहाँ प्लॉट या मकान अलॉट भी हुआ वह औने-पौने दाम में उसे बेचकर वहाँ से चलता बना। परंतु एक बार दिल्लीवासियों की नजर जब इस योजना पर पड़ी तो इसे पंख लगने शुरू हो गए। वसुंधरा की चौड़ी सड़कें, पार्क और हरियाली हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने करेगी।


लोगों के बीच वसुंधरा की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि हर कोई यहाँ अपना आशियाना तलाशने लगा। डिमांड बढ़ने के साथ ही यहाँ संपत्ति के दाम भी आसमान छूने लगे। इसके बाद शुरू हुआ आवास विकास परिषद और दूसरे अन्य विभागों के बीच लालच का खेल। इस लालच ने वसुंधरा की सूरत बिगड़नी शुरू कर दी। यहाँ एक ही प्लॉट पर मल्टीपल यूनिट्स तो आकर लेने ही लगीं आवासीय इकाइयों में भी व्यावसायिक गतिविधियों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया। आवास विकास अधिकारियों ने अपनी आंखें इस और से पूरी तरह मूंद ली और वो दोनों हाथों से पैसा बटोरने में लग गए। आज वसुंधरा का शायद ही कोई ऐसा सेक्टर होगा जहाँ आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां ना चल रही हों।

कभी आवास विकास की बेहद महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल वसुंधरा में आज हालात यह हैं कि यहां आवासीय भवनों में शोरूम और रेस्टोरेंट आदि से लेकर ओयो होटल तक भी खुल गए हैं। विभिन्न सेक्टरों को बांटने वाली इसकी सड़क के दोनों और केवल व्यावसायिक गतिविधियां ही नजर आती हैं। इसके चलते यहाँ अक्सर जाम के हालात भी देखने को मिलते हैं। इस विषय में बात करने पर आवास विकास के अधिकारी अन्य विभागों पर जिम्मेदारी डालकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। हालांकि अन्य विभाग भी इसमें बराबर के भागीदार हैं 

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