गोमती रिवर फ्रंट: अधिशासी अभियंता से लेकर चीफ इंजीनियर तक सब नपेंगे !
गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच में जिन इंजीनियरों की जिम्मेदारी तय की गई थी, उनका सस्पेंशन होगा। इतना ही नहीं, परियोजना के शुरूआती दौर से जुड़े अधिशासी अभियंता से लेकर चीफ इंजीनियरों पर भी गाज गिरेगी।
लखनऊ: गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच में जिन इंजीनियरों की जिम्मेदारी तय की गई थी, उनका सस्पेंशन होगा। इतना ही नहीं, परियोजना के शुरूआती दौर से जुड़े अधिशासी अभियंता से लेकर चीफ इंजीनियरों पर भी गाज गिरेगी। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया है। सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता से परियोजना से जुड़े रहे इंजीनियरों की पूरी डिटेल मांगी गई है।
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गौरतलब है कि यूपी में योगी सरकार बनने के बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट का दौरा किया था। नदी के पानी से दुर्गंध पर उन्होंने इंजीनियरों को फटकारा भी था। उसी समय शासन से परियोजना को पूरा करने के लिए अतिरिक्त धन की मांग की गई थी। तब सीएम योगी ने प्रोजेक्ट में घपलों की आशंका को देखते हुए न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग की रिपोर्ट के बाद प्रोजेक्ट की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
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अब जब जांच की गेंद सीबीआई के पाले में है। उसके पहले प्रदेश शासन ने प्रोजेक्ट से जुड़े रहे इंजीनियरों पर कार्रवाई का मन बनाया है क्योंकि न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के बाद से ही यह देखा जा रहा था कि न्यायिक आयोग की जांच में दोषी इंजीनियर अब तक विभाग में काम कर रहे हैं। इनमें से एक इंजीनियर को मलाईदार पोस्टिंग भी मिली थी। भ्रष्ट इंजीनियरों पर कार्रवाई नहीं करने से सीएम के भ्रष्टाचार पर वार की मुहीम पर सवाल खड़े हो रहे थे। जानकारों की मानें, तो इसी को देखते हुए परियोजना से जुड़े रहे इंजीनियरों को सस्पेंड करने की तैयारी चल रही है।