तेज प्रताप सिंह
गोंडा। इंजीनियर बनने का सपना देखते हुए यहां के युवाओं को शायद अब पढ़ाई के लिये कहीं और न जाना पड़े क्योंकि अब यहां 10 एकड़ में करीब 44 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय इंजीनियरिंग कालेज का निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। इसका काम जुलाई 2018 तक पूरा हो जाना है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो वर्ष 2018 में अगस्त माह से ही इस कालेज में छात्रों को दाखिला मिलने लगेगा।
सपा सरकार ने दी थी मंजूरी
समाजवादी पार्टी की प्रदेश सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इंजीनियरिंग कॉलेज का वादा किया था। लेकिन युवाओं को इस कॉलेज के लिए चार वर्ष तक इंतजार करना पड़ा। उतरौला रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक परिसर में बनने वाले इस इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रदेश के तत्कालीन कृषि मंत्री ने बीते वर्ष 21 अगस्त को शिलान्यास किया था। वैसे, इस कॉलेज की आधारशिला 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने रखी थी। सत्ता बदली तो बसपा सरकार में बजट के अभाव में पूरे पांच साल योजना ठंडे बस्ते में पड़ी रही।
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वर्ष 2012 में सपा की सरकार बनने के बाद लोगों की आस जगी थी। लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2016 में इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माण के लिए 43.84 करोड़ रुपये के परियोजना को मंजूरी दी। इसके बाद भवन निर्माण के लिए दोबारा आधारशिला रखी गई। कार्यदायी संस्था सी एण्ड डीएस के साइट इंजीनियर सत्य प्रकाश वर्मा बताते हैं कि चुनाव और खनन पर रोक के कारण निर्माण सामग्री न मिलने और पेड़ों की कटान के लिए वन विभाग द्वारा देरी से अनुमति मिलने के कारण कार्य बाधित हुआ है। जिलाप्रशासन से अनुमति न मिलने से परिसर में मिट्टी भराई का कार्य भी रुका था। अब निर्माण में तेजी आई है।
चार पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकेंगे 240 छात्र
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल व कंप्यूटर साइंस सहित कुल चार पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी। योजना के मुताबिक प्रत्येक पाठ्यक्रम के 60 सीटें निर्धारित की गई हैं, जिसके अनुसार प्रथम सत्र में चारों पाठ्यक्रमों में 240 छात्र प्रवेश ले सकेंगे।
इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण दो साइड में चल रहा है। शासन ने इसके निर्माण के लिए प्रथम किश्त के रूप में 10 करोड़ और दूसरी किश्त का भी दस करोड़ रुपये जारी कर दिया है। एक तरफ बालक व बालिकाओं के लिए हॉस्टल तो दूसरी तरफ मुख्य भवन बन रहा है।