अच्छी खबर: डॉक्टरों की मदद से 14 मरीजों ने कोरोना को हराया, जीती जिन्दगी की जंग
आज वह पूरी तरह ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं इसकी हमें बेहद खुशी है ये सभी वास्तव में हमारे देश के कोराना वारियर्स हैं। विश्वविद्यालय में 23 अप्रैल को आने तथा कोविड-19 अस्पताल में इलाज होने के बाद इनकी सैम्पलिंग गाइडलाइन के अनुसार की गयी जिसमें दोनों सैंपलिंग निगेटिव आयी है।
सैफई: विश्वविद्यालय सैफई में भर्ती 14 और कोरोना संक्रमित मरीजों ने कोरोना महामारी को मात देकर जिन्दगी की जंग जीत ली। इन सभी 14 मरीजों को मिलाकर अभी तक कुल 62 कोरोना सक्रमित मरीज ठीक होकर विश्वविद्यालय द्वारा डिसचार्ज किये जा चुके हैं। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने दी। उन्होंने बताया कि ये सभी मरीज बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अस्पताल प्रशासन एवं हेल्थ वर्कर्स पर पूरा भरोसा दिखाया एवं अनुशासन में रहकर उनकी हर सलाह को माना।
आज वह पूरी तरह ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहे हैं इसकी हमें बेहद खुशी है ये सभी वास्तव में हमारे देश के कोराना वारियर्स हैं। विश्वविद्यालय में 23 अप्रैल को आने तथा कोविड-19 अस्पताल में इलाज होने के बाद इनकी सैम्पलिंग गाइडलाइन के अनुसार की गयी जिसमें दोनों सैंपलिंग निगेटिव आयी है। अब उन्हें इस निर्देश के साथ डिस्चार्ज किया जा रहा है कि यहाॅ से जाने के बाद वह दो हफ्ते सेल्फ क्वारंटाइन में रहेंगे तथा इसके साथ ही उन्हें क्वारंटाइन सम्बन्धित गाइडलान की प्रति दी गयी है।
14 मरीजों ने कोरोना महामारी को मात देकर जिन्दगी की जंग जीती
प्रो0 राजकुमार ने यह बताया कि अभी कुल 14 कोरोना पॉजिटिव मरीज विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती हैं। जिनमें से 09 मरीज आगरा से 23 अप्रैल को भेजे गये मरीजों के ग्रुप से हैं तथा 04 मरीज फिरोजाबाद से गंभीर स्थित में रेफर किये गये थे तथा एक मरीज विश्वविद्यालय में ही पाजिटिव पायी गयी थी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आगरा ने मरीजों को लेने के लिए एम्बुलेंस भेजा तथा इन तीनों कोरोना से ठीक हुए मरीजों को जरूरी गाइडलाइन के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगरा द्वारा भेजे गये एम्बुलेंस टीम टीम को हेन्डओवर कर दिया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार, नर्सिग अधीक्षिका लवली जेम्स, कोविड-19 के नोडल अधिकारी डा0 रमाकान्त रावत, मीडिया प्रभारी डा0 अमित सिंह, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा0 मनोज कुमार आदि उपस्थित रहे।
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व्यवस्था से काफी असन्तुष्ट थे
कोरोना महामारी को मात देकर जिन्दगी की जंग जीतने वाले योद्धाओं ने बताया कि यहां कोविड-19 अस्पताल में आने से पहले वे आगरा के पारस अस्पताल में भर्ती थे एवं वहां की व्यवस्था से काफी असन्तुष्ट थे। उनके अनुसार वहां की व्यवस्था काफी भयावह थी। लेकिन सैफई विश्वविद्यालय आने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली। यहां के इलाज, सफाई, भोजन तथा हेल्थ केयर वर्कर्स के बेहतरीन कार्यप्रणाली ने उनका विश्वास जितने के साथ उनको नया जीवन दिया। मरीजों ने यह भी बताया कि यहां की स्वास्थ्य सुविधा बडे शहरों के नामी-गिरामी अस्पतालों से कई गुना बेहतर है। एक मरीज ने तो ये कहा कि यहां की सुविधायें विश्वस्तरीय हैं।
इलाज के दौरान यहां का अनुभव जीवन पर्यन्त उन्हें विश्वविद्यालय से जोडे रखेगा
सभी मरीजों ने तहेदिल से कुलपति महोदय का शुक्रिया अदा किया तथा कहा कि यहां भर्ती के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति उनके इलाज तथा सुविधाओं की हर पल जानकारी लेते रहते थे। इलाज के दौरान यहां का अनुभव जीवन पर्यन्त उन्हें विश्वविद्यालय से जोडे रखेगा। उन्होंने खास तौर पर कोविड-19 अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग आफिसर्स, वार्ड ब्वाय एवं हाउसकीपर स्टाफ को उनके इलाज के दौरान उन सभी का विशेष ख्याल रखने के लिए तहेदिल से धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजकुमार द्वारा कोविड-19 मरीजों के लिए चलाये गये योगा तथा आयुर्वेदिक काढ़ा का उनके तथा उनके साथी मरीजों पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ा उनके हेल्थ में तेजी से सुधार हुआ और वह और उनका परिवार कोरोना की जंग में विजयी होकर निकले हैं।
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कुलपति डॉ प्रो राजकुमार द्वारा लिखी गई "व्यायाम एक आयाम" नामक पुस्तक
प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ प्रो राजकुमार द्वारा लिखी गई "व्यायाम एक आयाम" नामक पुस्तक, जिसका विमोचन पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान द्वारा 21 फरवरी को किया गया था, की प्रतियों को इन सभी मरीजों को डिस्ट्रीब्यूट किया गया तथा व्यायाम के महत्व को समझाया गया। इनके विदाई के समय चिकित्सकों एवं हेल्थ वर्कर्स टीम द्वारा फूल देकर एवं ताली बजाकर भेजा गया।
रिपोर्ट- उवैश चौधरी,इटावा यूपी