योगी जी ! आपके लाड़ले पुलिसवालों को गुलाम समझ रहे हैं, समझा लीजिए, वर्ना लुटिया डूबी
लखनऊ : आपको याद होगा पिछली समाजवादी सरकार के दौरान सीएम अखिलेश यादव सूबे में कानून व्यवस्था और पार्टी नेताओं द्वारा पुलिसवालों के उत्पीड़न पर आए दिन घेरे जाते थे। सबसे अधिक बवाल बीजेपी नेता ही करते। लेकिन आज जब सत्ता परिवर्तन हो चुका है। तो बीजेपी के छुटभैया नेताओं को कोई क्या कहे, कद्दावर नेता भी पुलिसवालों को अपने पैर की जूती से अधिक नहीं समझ रहे। सांसद, विधायक सब तुर्रमखां बने पुलिसवालों को बेदाम का गुलाम समझ बैठे हैं। आलम ये है की ये तो महिला पुरुष का भेद भी मिटा बैठे।
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आईपीएस/सीओ गोरखनाथ चारू निगम के साथ बीजेपी के कद्दावर नेता और सदर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने जो कुछ भी किया। वो कहीं से भी जायज नहीं है। नेता जी, ये उस पुलिसवाली की इंसानियत ही कही जाएगी कि गलती न होने के बाद भी बेचारी ने सारेआम फटकार सुनने के बाद सिर्फ आंसू बहाए। वर्ना, आप खुद समझदार हैं। खैर, जब सीएम योगी आदित्यनाथ के घर में ही एक महिला आईपीएस के साथ नेता ऐसा दुर्व्यवहार कर रहे हैं। तो दूर दराज के इलाकों में तैनात पुलिसवालों का भगवान ही सहारा है।
योगी पुलिस वालों और अपने दुलारों से गला फाड़ फाड़ कहते रहे हैं, कि ऐसा कुछ भी मत करो जिससे पार्टी और सरकार कि छवि ख़राब हो। लेकिन ये हैं कि सत्ता के नशे में इन्हें कुछ सूझ ही नहीं रहा है।
पिछले 30 दिनों में दो आईपीएस अफसरों के साथ बीजेपी नेताओं ने जो सलूक किया है। उससे सूबे के पुलिस बल में आक्रोश पनपने लगा है। यदि सीएम ने नेताओं की क्लास न लगाई तो उन्हें विद्रोही तेवरों के लिए तैयार रहना होगा। क्योंकि, निचले स्तर के पुलिसकर्मी ये मान रहे हैं, कि जब आईपीएस अफसर सरेआम बेइज्जत हो रहे हैं। उनपर तो कोई भी हाथ छोड़ने में देरी नहीं करेगा। एक ट्रेनी आईपीएस को सत्ता का जो पहला अनुभव हुआ है वो काफी दर्दभर, बेईज्ज़ती वाला रहा है। तो योगी जी समझ रहे हैं न जो हम आपको समझा रहे हैं।
ये भी देख लीजिए क्या है मामला
2013 बैच की आईपीएस चारू निगम एंटी रोमियो दस्ते की प्रभारी के साथ ही सीओ गोरखनाथ हैं। मामला चिलुआताल थाना के कोइलहवां गांव का है। जहां ग्रामीण महिलाओं ने शराब बिक्री के विरोध में सड़क जामकर हंगामा किया था। चारू निगम ने मौके पर पहुंच कर रास्ता खुलवाया। इस दौरान आक्रोशित महिलाओं ने चारू निगम पर भी हमला बोल दिया। इस हमले में चारू चोटिल हो गईं। वहीं पुलिस ने प्रदर्शनकारी आधा दर्जन महिलाओं को हिरासत में लिया।
ग्रामीणों को हिरासत में लेने की सूचना पर मौके पर पहुंचे बीजेपी विधायक ने दोबारा से सड़क जाम कर दिया। इसके बाद एसपी सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ मौके पर पहुंची आईपीएस चारू निगम को बीजेपी विधायक ने जमकर फटकार लगाई। महिला आईपीएस को अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया। इससे आहत चारू की आंखें भर आई।