Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.4: गोरखपुर नगर निगम वार्ड संख्या 4, मानबेला की पार्षद माला देवी, मानबेला में हुए करोड़ों के विकास कार्य

Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.4: माला देवी कहती हैं कि निर्दल पार्षद होने से प्रस्तावों पर वैसा अमल नहीं हो सका, जितना सत्ताधारी दल के पार्षद के वार्ड में हुआ है।

Update: 2022-12-05 14:30 GMT

Gorakhpur nagar nigam ward number 4 Manbela Parshad Mala Devi (Newstrack)

Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.4: बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज और नये खाद कारखाने के बीच स्थित मानबेला वार्ड में नये गोरखपुर की आधारशिला रखी गई है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा मानबेला में गरीबों के लिए 1500 पीएम आवास तो बने ही, आवासीय योजनाएं भी लांच हुईं हैं। पहली बार में जीत हासिल करने वाली माला देवी के प्रयासों से वार्ड में कई सड़कों का निर्माण भी हुआ।

मेडिकल कॉलेज से महराजगंज रोड से झुंगिया गेट तक पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क का चौड़ीकरण किया गया। यह सड़क सिर्फ 5 करोड़ रुपये से ही बनी है, लेकिन मुआवजे के रूप में लोगों को 34 करोड़ रुपये मिले। स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि कुद्दुस अली ने लोगों के मुआवजे के लिए संघर्ष किया। जिससे लोगों को वाजिब हक मिल सका।

इसी तरह मानबेला में जीडीए की तरफ से 1500 पीएम आवास का निर्माण ही नहीं हुआ, इसका आवंटन भी हो गया है। इसके साथ ही 500 से अधिक आवास पत्रकारपुरम आवासीय योजना में बने हैं। इन फ्लैट का आवंटन भी हो गया।

वार्ड से सटे ही खाद कारखाने का नया प्लांट स्थापित हुआ। और सैनिक स्कूल का निर्माण हो रहा है। खाद कारखाने में उत्पादन शुरू होने से यहां व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। पार्षद प्रतिनिधि कुद्दुस अली कोरोना काल में अपनी सक्रियता को लेकर सुर्खियों में रहे। उनका मंदिर में सैनेटाइजेशन करने और सफाई करने का वीडियो भी वायरल हुआ था।

पार्षद ने लगाया उपेक्षा का आरोप

पार्षद के प्रयास से चौधरी टोला से भटवलिया, नौतन हाइडिल से नौतन कालोनी और मानबेला से खान मडैया तक पक्की सड़क का निर्माण हुआ। गरीबों में पीएम आवास भी खूब मिला। पार्षद का कहना है कि 500 से अधिक गरीबों और जरूरतमंदों को पीएम आवास की सुविधा मिली।

कोरोना काल में 200 से अधिक लोगों का राशन कार्ड बना। जिससे उन्हें फ्री राशन मिल रहा है। माला देवी कहती हैं कि निर्दल पार्षद होने से प्रस्तावों पर वैसा अमल नहीं हो सका, जितना सत्ताधारी दल के पार्षद के वार्ड में हुआ है। पोखरा के लिए 9 लाख रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी मिली, लेकिन अतिक्रमण के चलते इसका सुंदरीकरण नहीं हो सका। 

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